कही ये बात
कोहली ने बीसीसीआई टीवी पर मयंक अग्रवाल से कहा, ''2012 के आईपीएल मैं घर वापस आया और अपने आप को देखा। मैं बस अपने बारे में सब कुछ बदलना चाहता था। मैंने यह भी देखा कि कैसे दुनिया भर में क्रिकेट की गतिशीलता तेजी से बदल रही थी और मुझे लगा कि अन्य टीमों की तरह हम तीव्रता के स्तर से बहुत पीछे हैं। वे फिटनेस के स्तर के मामले में हमसे बहुत आगे थे।''
फिर फिटनेस के प्रति बदला मन
बता दें कि कोहली के लिए आइपीएल 2011 काफी अच्छा रहा था और उन्होंने 16 मैचों में 557 रन बनाए थे जबकि अगले सीजन यानी 2012 में 16 मैचों में वो 364 रन की बना पाए। 2012 आइपीएल सीजन में किए अपने प्रदर्शन के बाद ही कोहली का अपने फिटनेस के प्रति मन बदला और उन्होंने अपनी डायट व ट्रेनिंग में बदलाव किए।
दिन में खा जाते थे 4-5 टाॅफियां
आईपीएल 2012 की शुरुआत से पहले, विराट अपने सामने रखी गई चीजों को खा जाते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जब उनकी टीम आईटीसी गार्डेनिया में रह रही थी, तब उन्होंने 40 टॉफियों का एक पैकेट खत्म किया था। अपने खाने की आदतों के साथ, उन्होंने सोचा कि वह उस आईपीएल सीजन में अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कोहली ने कहा, '' हम ज्यादातर आइटीसी गार्डेनिया में रुकते थे जहां मेरे पास टॉफी का पैकेट होता था जिसमें 40 टॉफियां होती थी और मैं इसे 4-5 दिन में खा लेता था। उस वक्त वही मेरा डायट हुआ करता था। उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त पागल इंसान की तरह सोता था क्योंकि उस समय मुझे सफलता मिली थी और सबकुछ अच्छा हो रहा था और मैं आइपीएल भी खेलने लगा था। हालांकि 2012 सीजन में किए प्रदर्शन की वजह से मुझे अहसास हुआ का मुझे बदलने की जरूरत है। मैं घर वापस गया और मुझे महसूस हुआ कि जिस तरह से मैं तैयारी कर रहा हूं उसे बदलने की जरूरत है। इसके बाद मैंने अगले ही दिन से सबकुछ बदल दिया।