नई दिल्ली। 21 वीं सदी के क्रिकेट में टी20 के अलावा निर्विवादित रूप से जो सबसे बड़ा बदलाव आया है वह फील्डिंग और फिटनेस का क्षेत्र। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे हमेशा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड आदि जैसे देशों का दबदबा रहा था। लेकिन अब सूरतेहाल बिल्कुल बदल चुका है। आज एशियाई टीमों का फिटनेस स्तर भी किसी मायने में बाकी टीमों से कमतर नहीं है। इतना ही नहीं, भारत तो खुद आगे बढ़कर एशियाई क्रिकेट की फिटनेस का नेतृत्व कर रहा है। भारत के ऑइकॉनिक कप्तान विराट कोहली अपने आप में फिटनेस के जीते-जागते ब्रांड अंबेसडर हैं।
आज टीम इंडिया युवा खिलाड़ियों से भरी पड़ी है ऐसे में फिटनेस को लेकर टीम में कोई भी समस्या नहीं है। वर्ना चीते सी चपलता वाली फील्डिंग भारत के लिए एक समय केवल सपनों में आने वाली बात सरीखी ही होती थी। शुभमन गिल और खलील अहमद समेत भारतीय टीम की युवा ब्रिगेड का कहना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर की फिटनेस उनके लिए प्रेरणास्रोत है। कुलदीप यादव का भी यही मानना है। यजुवेद्र चहल से हाल ही में हुई बातचीत में यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी सफलता का श्रेय फिटनेस को दिया था।
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इसके अलावा भारतीय टीम के युवा गेंदबाज खलील अहमद ने भी कहा, 'आपको कभी भी खेलने का मौका मिल सकता है, लिहाजा खुद को फिट बनाए रखना जरूरी है। एक्सरसाइज करने की आदत होनी चाहिए।' इसके अलावा कुलदीप ने भी कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं काफी वर्कआउट करता हूं। मैं अच्छे फिटनेस प्रोग्राम को फॉलो करता हूं। इससे हमे काफी मदद मिलती है। रोहित और विराट भाई जैसे सीनियरों ने युवाओं को काफी प्रेरित किया है।'