कप्तानी छोड़ने के बाद सुकून महसूस हो रहा है- कोहली
कोहली ने मैच के दौरान कहा कि सबसे पहले उनको कप्तानी छोड़ने के बाद सुकून महसूस हो रहा है। कप्तानी को एक सम्मान बताते हुए कोहली ने कहा कि चीजों को सही तरीके से भी देखना जरूरी था।
कोहली ने कहा कि, मुझे लगा कि ये मेरे वर्कलोड को देखने का सही समय है। 6-7 साल से बहुत क्रिकेट हो रहा है। ये बहुत मजेदार भी रहा है, काफी मजा आया है, बहुत सारे लड़कें साथ में इतने लंबे समय तक खेले और एक टीम के तौर पर हमे बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।
विराट कोहली एक बार फिर आईसीसी ट्रॉफी के बिना रह गए हैं क्योंकि उनको टी20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में पाकिस्तान और फिर दूसरे मैच में न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा। इसके चलते भारत की विदाई वहीं पर ही तय हो गई थी। केवल कुछ कागजी गणित के सहारे टीम इंडिया आगे सरक रही थी लेकिन अंत में वह अपने ग्रुप में तीसरे स्थान पर रही और शुरू की टॉप टीमों को ही सेमीफाइनल का टिकट मिलता है। यहां पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीम बाजी मारने में कामयाब रही हैं।
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वर्ल्ड कप के पॉजिटिव गिनाए-
इस पर कोहली कहते हैं कि, मुझे पता कि हम प्रतियोगिता में बहुत आगे नहीं जा पाए लेकिन टी20 टीम के तौर पर हमने कुछ अच्छा क्रिकेट खेला है और इस बात का आनंद हम हमेशा उठाएंगे। बाकी लड़कों ने मेरा काम वाकई में आसान किया है। भारत के लिए वर्ल्ड कप में पॉजिटिव बात यह कही जा सकती है कि टीम ने शुरू के दो मैचों के बाद बाकी तीन गेम में विपक्षियों को पूरी तरह कब्जे में ले लिया।
कोहली यह भी कहते हैं कि पहले दो मुकाबले के दो ओवर गेम को बदल सकते थे। उन मैचों में हम इतने बहादुर नहीं थे।
कोहली ने कहा- मेरे अंदर से आक्रामकता नहीं जाएगी
फिलहाल कोहली वनडे क्रिकेट में कप्तानी करते रहेंगे और टेस्ट मैचों में उनको कप्तानी का असली लुत्फ उठाते हुए आप आगे भी देख पाएंगे। हालांकि अब यहां भी चीजें बदल रही हैं क्योंकि कोहली-शास्त्री की चर्चित जोड़ी अब नहीं दिखाई देगी। यहां कोहली को राहुल द्रविड़ के साथ काम करना होगा जो हेड कोच के तौर पर अब टीम इंडिया की कमान अपने हाथ में ले लेंगे। लेकिन कोहली इस दौरान ये बात साफ करते हैं कि वे ऐसे ही आक्रामक और मजेदार बने रहेंगे जैसा कि आप उनको फील्ड में देखते आए हैं।
कोहली का कहना है कि, ये आक्रामकता मेरे अंदर से कभी नहीं जाएगी। जिस दिन मैं बदला, उस दिन क्रिकेट खेलना छोड़ दूंगा। मैं कप्तान बनने से पहले भी ये जानने के लिए उत्सुक रहता था कि मेरा गेम कहां पर जा रहा है। मैं अपना नजरिया लेकर घूमता हूं कि टीम के लिए क्या कर सकता हूं। मैं ऐसा इंसान नहीं हूं जो एक कोने में चुपचाप खड़ा रहे।