नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उन्होंने अब महिला वेटलिफ्टिर मीराबाई चानू को लेकर जबरदस्त ट्वीट किया है। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में धाक जमा दी है। उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर भारत के खाते में पहला मेडल डाला। मीराबाई को चारों तरफ से बधाईयां मिल रही हैं। वहीं सहवाग ने लोगों को उनका नाम कभी ना भूलने के लिए कहा है।
सहवाग ने ट्वीट करते हुए कहा, ''लाजवाब। भारतीय नारी सब पर भारी। मीराबाई चानू, नाम याद रखना। हम सभी को गौरवान्वित करने के लिए धन्यवाद।'' बता दें कि मीराबाई ने कुल 202 किलोग्राम वजन के साथ सिल्वर मेडल जीता है। चीन की हो जिहुई ने गोल्ड मेडल जीता, जिन्होंने स्नैच में 94 और क्लीन एंड जर्क में 116 में का वजन उठाया। ब्राॅन्ज मेडल विजेता इंडोनेशिया की आइसे विंडी कैंटिका रहीं, जिन्होंने 194 किलो वजन उठाया।
खास बात यह रही कि 21 साल बाद ओलंपिक खेलों में भारत वेटलिफ्टिंग में मेडल जीत पाया है। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी के नाम ओलंपिक मेडल है। उन्होंने 2000 सिडनी ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में ब्राॅन्ज मेडल जीता था, जब भारोत्तोलन एरीना पहली बार महिलाओं के लिए खोला गया था। मीराबाई पर भारतवासियों को गर्व है। हालांकि, मीराबाई का यहां तक के पहुंचने का सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपने करियर के शुरूआती दाैर से ही जीत हासिल करने का जज्बा बनाए रखा था जो आज उन्हें बड़े मुकाम तक ले गया।
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मीराबाई की ताकत को उसके परिवार ने शुरू से ही देख लिया था। जब जंगल से लकड़ियां काटकर घर लाई जाती थीं तो मीराबाई का ही अधिक सहयोग रहता था। तब उनके बड़े भाई सैखोम सनातोंबा मेइती भी हैरान रह गए थे। हुआ ऐसा कि लड़कियों का जो बड़ा बंडल सनातोंबा नहीं उठा सकते थे उसे मीराबाई उठाकर घर ले जाती थी। तब मीराभाई की उम्र 12 साल की थी और इतनी कम उम्र में ज्यादा ताकत परिवार को हैरान कर गई।