नई दिल्ली। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को लगता है कि सौरव गांगुली महेंद्र सिंह धोनी की तुलना में एक बेहतर कप्तान थे, जिन्होंने पूर्व में नए सदस्यों के साथ एक टीम बनाई थी, जबकि धोनी इस मायने में भाग्यशाली थे कि उन्हें शुरू से ही एक मजबूत टीम की कप्तानी करने का माैका मिला।
आरजे रौनक के यूट्यूब शो "13 जवाब नहीं" पर सवाल का जवाब देते हुए सहवाग ने कहा, "मुझे कप्तानी के लिहाज से लगता है, दोनों ही महान थे। लेकिन मुझे लगता है कि दोनों में सबसे अच्छे कप्तान गांगुली थे क्योंकि उन्होंने शुरुआत से ही एक मजबूत टीम का निर्माण किया, नए खिलाड़ियों को लिया और एक यूनिट का पुनर्निर्माण किया। उन्होंने भारत को विदेशों में मैच जीतना सिखाया, हमने टेस्ट मैच ड्रा किए, कुछ विदेशों में जीते।"
उन्होंने आगे कहा, "धोनी इस मायने में भाग्यशाली थे कि उन्हें वही टीम मिली जिसको गांगुली ने तैयार किया था, इसलिए वे दोनों महान थे लेकिन सौरव गांगुली अधिक बेहतर थे।"
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सहवाग से यह भी सवाल किया गया कि उन्होंने 199 रन पर खेलते हुए एक बार सिंगल लेने से मना क्यों किया। सहवाग ने कहा, "यह बहुत पुरानी कहानी है। हम 2008 में श्रीलंका के दौरे पर थे। मुझे याद है कि मुथैया मुरलीधरन गेंदबाजी कर रहे थे और मेरे पास नॉन-स्ट्राइकर छोर पर ईशांत शर्मा थे। मुझे पता था कि अगर मैं सिंगल लेता हूं, तो मुरलीधरन ईशांत को आउट कर देंगे, इसलिए मैंने स्ट्राइक पर बने रहने और इशांत को बचाने का फैसला किया। लेकिन मुरलीधरन ने सभी फिल्डरों को पास में ही रख दिया और गनीमत रही कि गेंद गैप में चली गई और हमने आखिरी गेंद पर सिंगल लिया। इसके बाद ईशांत ज्यादा देर तक नहीं टिके और अगले ही ओवर में आउट हो गए।
सहवाग ने मोहाली को अपना पसंदीदा मैदान भी बताया। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा मोहाली से प्यार किया है। मुझे वहां खेलने में हमेशा मजा आता था। जब भी मैं उस स्थान पर बाहर निकलता था, मुझे लगता था कि मैं निश्चित रूप से रन बनाऊंगा। इसके अलावा, वहां बहुत बड़े सोफे हैं, इसलिए अगर आप आउट भी हो जाते हैं, तो बस वापस जाएं और उन सोफे पर आराम करें। भारत के बाहर मुझे मेलबर्न पसंद है। वहां का खाना बहुत अच्छा है और उस स्थान पर भी मुझे लगा कि मैं कई रन बना सकूंगा।''