नई दिल्ली। पर्थ में नए स्टेडियम में होने वाले दूसरे टेस्ट की पिच के बारे में चारो ओर बातें हो रही हैं। पिच को तेजी और उछाल से भरपूर बताया जा रहा है। माना जा रहा है यह नई पिच एक बार फिर से पर्थ की परंपरागत पिच की याद दिला देगी जो बल्लेबाजों को सपनों में भी डराती थी। ऑस्ट्रेलिया ने जीवंत पिच बनाने के लिए विशेषज्ञ क्यूरेटर की सहायता ली है। यह क्यूरेटर कोई ओर नहीं बल्कि जीवंत पिचे बनाने के लिए मशहूर क्यूरेटर ब्रेट सिप्थोर्प हैं।
ब्रेट की बातें सुनी जाएं तो वे भी किसी तेज पिच जैसी ही बाउंसी हैं। ब्रेट ने साफ कहा है कि मुझे किसी ने नहीं कहा कि मैच को पांच दिन तक चलाओ ही चलाओ। इस बार गाबा में भारत को मैच नहीं खेलना है इसलिए हमारे पास यही पर मौका था जहां पर तेज और बाउंसी विकेट हो सकता था। हम इसको ऐसा ही बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यहां जो भी टीम टॉस जीतेगी, वो पहले बल्लेबाजी करने की कोशिश करेगी।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'यह एक हरा विकेट होगा जो दो बेहतरीन तेज गेंदबाजी टीमों के लिए मजेदार होगा। हालांकि यहां की गर्मी में गेंदबाजी करना एक अलग तरह की चुनौती होगी। आप चाहो तो टॉस जीतकर हालात का फायदा उठाने के लिए पहले गेंदबाजी कर सकते हो लेकिन फिर आपको सोचना होगा की 50 ओवर के बाद 38 डिग्री के तापमान में थकान से कैसे निपटना है। '
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— BCCI (@BCCI) December 13, 2018