नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच खेल जगत ने वापसी तो की है लेकिन इस दौरान मैदान पर काफी कुछ बदल गया है। खिलाड़ियों को संक्रमण से बचाने के लिये आईसीसी ने कई सारे नियमों को बनाया है जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। इन सबके अलावा किसी भी टूर्नामेंट का आयोजन तभी हो सकता है अगर वो जैव सुरक्षित माहौल (बायो बबल) में कराया जाये। इतना ही नहीं बायो बबल में रहने के दौरान खिलाड़ी किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकते और अपने परिवार को साथ लाने की भी इजाजत नहीं होती।
इसी को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने अपनी चिंता जाहिर की है और कहा कि बायो बबल बेशक से सुरक्षित है लेकिन इसके अंदर खेलने वाले खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ चिंता का विषय है।
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वकार का मानना है कि अगर कोरोना वायरस के चलते पाकिस्तान की टीम को ज्यादा समय तक बायो बबल में खेलना पड़ा तो उसके कई खिलाड़ियों को मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,' लंबे समय तक खिलाड़ियों या अधिकारियों का बायो बबल के सुरक्षित माहौल में वक्त गुजारना आसान काम नही है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर प्रभाव पड़ सकता है। मुझे लगता है कि पीसीबी को मेंटल हेल्थ की समस्या को गंभीरता से देखना चाहिये। यह स्थिति सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में है और सभी क्रिेकेट बोर्ड के लिये चिंता का विषय है।'
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गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये दुनिया भर के खिलाड़ी प्रोफेशनल क्रिकेट के दौरान बाहरी दुनिया से अलग बायो बबल में रहते हैं। वकार यूनिस का मानना है कि खिलाड़ियों का लंबे समय तक आईसोलेशन में क्वारंटीन रहना और जैव सुरक्षित माहौल में समय बिताना काफी मुश्किल काम है।