नई दिल्ली। मौजूदा समय में क्रिकेट में नस्लवाद का मुद्दो जोरों पर है। हाल ही में अमेरिका में एक एफ्रो-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों मौत के बाद नस्लवाद के मुद्दे ने सारी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। क्रिकेट में नस्लवाद के मुद्दे पर खिलाड़ियों को जागरुक करने और विरोध प्रदर्शन करने के लिये 8 जुलाई से शुरु हो रही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज में खिलाड़ी अपनी जर्सी पर ब्लैक लाइवस मैटर के लोगो के साथ मैदान पर उतरेंगे।
वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्रैथवेट ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में एक घुटने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करना, या बैच लगाना काफी नहीं है बल्कि इसके लिए मानसिकता में बदलाव की जरूरत है।
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उन्होंने कहा, 'अकेले में एक घुटने पर बैठकर विरोध करना, बैच पहनना काफी नहीं है। जरूरत है मानसिकता में बदलाव की। मेरे लिए यह सिर्फ उबटन की तरह है, जो शायद कुछ चीजें बदल सकता है।' उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ा बदलाव कानूनी रूप से करना है और पूरे समाज को दोबारा से बदलना है।'
ब्राथवेट का मानना है कि नस्लवाद से लड़ने के लिये सख्त कानून बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'ऐसा क्यों है कि जब हम प्लेन में जाते हैं तो किसी को बहुत घनी दाढ़ी में देखते हैं तो लगता है कि वह आतंकवादी है? जब हम सुपरमार्केट में कोई अश्वेत लड़के को देखते हैं तो क्यों लगता है कि वह कर्मचारी है। यह बड़ी चर्चा है। हम किस तरह से अपनी मानसिकता को बदलेंगे यह बड़ी चर्चा है एक घुटने पर बैठने से कई ज्यादा।'
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आपको बता दें कि नस्लवाद के खिलाफ पिछले दिनों कई खिलाड़ियों ने अपने साथ हुए भेदभाव और मैदान पर हुए रेसिज्म के किस्सों को साझा किया।