ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिये जीत है बेहद जरूरी
वहीं 3 सीरीज में 296 अंक हासिल करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम जो कि दूसरे पायदान पर काबिज थी अब 82.2 प्रतिशत के साथ पहले पायदान पर पहुंच चुकी है। हालांकि इस नये प्वाइंट सिस्टम के चलते भारतीय टीम को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है और यह भी मौका आ सकता है कि वो टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने में नाकाम हो सकती है।
आईसीसी के नये नियम के मुताबिक कोरोना वायरस के चलते जो मैच नहीं हो सके हैं उन्हें ड्रॉ मान लिया गया है। इसी बात का ऑस्ट्रेलिया समेत बाकी टीमों को फायदा हुआ है। वहीं विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की रेस में बने रहने के लिये भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जीत हासिल करना बहुत जरूरी है।
भारत को बाहर कर न्यूजीलैंड पहुंच सकती है फाइनल की जंग में
मौजूदा समय में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है तो न्यूजीलैंड की टीम वेस्टइंडीज की मेजबानी कर रही है तो वहीं पर साउथ अफ्रीका की टीम इंग्लैंड की मेजबानी कर रही है। ऐसे में न्यूजीलैंड की टीम को आने वाले समय में वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज की मेजबानी करनी है, जहां पर अगर न्यूजीलैंड की टीम ज्यादा से ज्यादा 240 अंक हासिल कर सकती है और अगर वो ऐसा करने में कामयाब हो जाती है तो अंक तालिका में वह 70 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी।
इस दौरान अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में हार जाती है और इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में जीत हासिल कर लेते हैं तो अंकतालिका में उनके 480 अंक हो जायेंगे लेकिन जीत प्रतिशत घटकर 66.67 प्रतिशत हो जायेगा। वहीं अगर वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-1 से जीत हासिल करती है और इंग्लैंड की टीम को 5-0 से हराती है तो भारत के 510 अंक हो जायेंगे और वो 70.83 प्रतिशत के साथ न्यूजीलैंड टीम से थोड़ा आगे निकल जायेंगे।
वहीं अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 मैचों में जीत और 2 को ड्रॉ कराने में कामयाब रहती है तो उसका जीत प्रतिशत 500 अंको के साथ सिर्फ 69.33 ही हो पायेगा और वो न्यूजीलैंड से इस मामले में पीछे रह जायेगी और टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जो टीम पहले पायदान पर टिकी थी वो सबसे ज्यादा अंक होने के बावजूद फाइनल मैच से बाहर हो जायेगी।
दक्षिण अफ्रीका की जीत से ऑस्ट्रेलिया पर भी पड़ेगा काफी फर्क
अगर ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के खिलाफ चारों टेस्ट मैचों में जीत हासिल कर लेती है तो वो 86.67 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर काबिज रहेंगे लेकिन अगर उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में हार का सामना करना पड़ता है तो यह जीत प्रतिशत घटकर 69.33 प्रतिशत पर पहुंच जायेगा।
आपको बता दें कि भारतीय टीम को अगर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के खिताबी रेस में बने रहना है तो उसे आने वाली दोनों सीरीज में जीत हासिल करना बेहद जरूरी है।