कब और कैसे बना हॉल ऑफ फेम
ICC हॉल ऑफ फेम की शुरूआत 2 जनवरी 2009 को फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) के साझा सहयोग से शुरू हुआ था। इसकी शुरूआत क्रिकेट के शताब्दी वर्ष को आयोजित करने और क्रिकेटर्स को सम्मान देने के लिए हुआ था। जैसे आकाशगंगा और तारे गगन में टिमटिमाते हैं, जैसे अकबर के दरबार में नवरत्न हुआ करते थे ठीक उसी तरह यह फेम क्रिकेट के रत्न को दी जाने वाली एक ऐसी उपाधि है जिसके तहत ICC क्रिकेट में अभूतपूर्व योगदान के लिए क्रिकेट खिलाड़ियों को एक सम्मान के तौर पर देती है। साल 2009 में क्रिकेट इतिहास के 55 खिलाड़ियों को इस सूची में शामिल किया गया था। दरसल ये सभी दिग्गज खिलाड़ी FICA के सम्मानित सदस्य थे। FICA हॉल ऑफ फेम में साल 1999 से लेकर 2003 तक खिलाड़ियों को शामिल किया गया था। वसीम अकरम और स्टीव वॉ समेत 5 दिग्गज खिलाड़ियों को 2009 में इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया था।
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क्या है इस फेम कैप पाने की योग्यता
आईसीसी हॉल ऑफ फेम अवार्ड पाने के लिए एक बल्लेलबाज को कम से कम 8000 अंतरराष्ट्रीय रन और 20 शतक स्कोर करना जरूरी है। यह क्रिकेट के दोनों प्रारूप टेस्ट या ODI किसी के भी रन हो सकते हैं या फिर बल्लेलबाज का औसत 50 से ऊपर हो। किसी गेंदबाज को इस सूची में तभी शामिल किया जा सकता है जब उन्होंने टेस्ट या ODI किसी भी फॉर्मेट में 200 विकेट अपने नाम किए हों। टेस्ट में गेंदबाज का स्ट्राइक रेट 50 और ODI में 30 होना अनिवार्य है। इस सूची में विकेटकीपर को भी शामिल किया जा सकता है अगर उसने कम से कम 200 खिलाड़ियों को आउट किया हो। किसी भी टीम के कप्तान को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया जा सकता है अगर उसने 25 ODI या फिर 100 ODI में टीम के कप्तान रहे हों और कम से कम 50 फीसदी मैच जीते हों।
कब और कैसे मिलता है यह सम्मान
ICC हॉल ऑफ फेम का सम्मान किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी को क्रिकेट से संन्यास लेने के 5 साल बाद दिया जाता है। सचिन तेंदुलकर ने साल 14 नवंबर 2013 को संन्यास की घोषणा की थी तब इसलिए साल 2018 में वो इस सम्मान के योग्य नहीं हो पाए थे। क्रिकेट कैलेंडर में पूरे साल में कभी भी इस सम्मान की घोषणा की जाती है। इस सूची में शामिल खिलाड़ी (अगर वो जीवित नहीं हैं तो उनके परिवार के किसी सदस्य) को सम्मान के तौर पर आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम का मशहूर कैप दिया जाता है। इस सूची में पहले से मौजूद दिग्गज खिलाड़ी इस फेम में नए खिलाड़ियों के इंडक्शन प्रक्रिया में जज की भूमिका निभाते हैं। क्रिकेट में अभूतपूर्व योगदान के लिए हर साल यह सम्मान किसी न किसी क्रिकेटर को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
6 भारतीय दिग्गज को मिला है यह सम्मान
ICC हॉल ऑफ फेम में भारत के 6 खिलाड़ियों को अब तक जगह मिल चुकी है। सचिन इस सम्मानित सूची में जगह पाने वाले नए भारतीय बने हैं। सबसे पहले भारत के दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी को इस सूची में जगह मिली थी। बेदी साल 1979 में रिटायर हुए और उन्हें 2009 में इस लिस्ट में शामिल किया गया। बेदी, कपिलदेव और सुनील गावस्कर को साल 2009 में इस सूची में शामिल किया गया वहीं अनिल कुंबले को 2015 और राहुल द्रविड़ को 2018 में इस लिस्ट में जगह मिली थी। सचिन तेंदुलकर इस सूची में 2019 में शामिल हुए हैं। ICC हॉल ऑफ फेम में अब तक कुल 90 खिलाड़ियों को शामिल किया जा चुका है। इस सूची में इंग्लैंड के 28,ऑस्ट्रेलिया के 26, विंडीज के 18, भारत के 6, पाकिस्तान के 5 न्यूजीलैंड के 3, दक्षिण अफ्रीका के 3 और श्रीलंका के 1 खिलाड़ी शामिल हैं। तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 34,357 रन बनाए हैं और उन्हें अब शामिल किया गया है।
क्रिकेट के इन सदस्यों को भी मिल सकता है सम्मान
यह कतई जरूरी नहीं है कि सिर्फ क्रिकेट खिलाड़ियों को ही यह सम्मान दिया जाता है। ICC की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 'स्पेशल केस में यह सम्मान क्रिकेट खिलाड़ियों से अलग दिग्गज पत्रकार, अंपायर, मैच रेफरी और प्रशासक को भी नोमिनेट कर दिया जा सकता है। अगर कोई टीम, संस्थान या फिर खिलाड़ी इन नियमों के तहत नहीं आता है तो हॉल ऑफ फेम के नामित सदस्य ऐसे लोग और संस्थान के नाम को नॉमिनेट कर आगे बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसे सदस्य का क्रिकेट में योगदान अहम रहा है तो उन्हें भी इस सम्मान से नवाजा जा सकता है लेकिन इस पर सभी नामित सदस्यों (हॉल ऑफ फेम का चयन करने वाले सदस्य) का एक मत होना अनिवार्य है।
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