इंग्लैंड ने एक ही दिन में फेंक दिए थे 183 ओवर-
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और ठोस बैटिंग करनी शुरू की। पुराने समय में ओवरों में बॉल को लेकर जोड़-घटा चलता रहता था। और तब टीमों के बीच ओवर फेंकने की दर भी बहुत तेज हुआ करती थी। 1884 में इस टेस्ट के दौरान, प्रत्येक ओवर में चार गेंदें थीं, और पहले दिन इंग्लैंड टीम ने 183 ओवर गेंदबाजी की। यह 6 गेंदों के 122 ओवरों के बराबर था जो कि आज के 90 ओवर की तुलना में अभी भी एक बड़ी संख्या है।
238 रन बनाए, 423 रनों की साझेदारी की, टीम को जिताया, खुशी में फैंस संग ली सेल्फी, हुआ क्वारेंटाइन
विकेटकीपर ने भी बॉलिंग की और दुर्लभ रिकॉर्ड बना-
इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए यह एक कठिन दिन था क्योंकि कंगारू बल्लेबाजों ने खूंटा गाड़ दिया था। ऐसे में रेलू कप्तान लॉर्ड हैरिस अपनी टीम के विकेटकीपर अल्फ्रेड लिटलटन के पास गए और हताश होकर उनको गेंदबाजी करने के लिए कहा। यही से मैच में अप्रत्याशित चीज हुई और दिन के अंत की ओर जाते मुकाबले में लिटलटन ने 3 ओवरों में 11 रन देकर। अल्फ्रेड पहले दिन के खेल में इंग्लैंड द्वारा उपयोग किए जाने वाले 10वें गेंदबाज थे।
दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी की समाप्ति के बाद, आर्थर नाम के एक और इंग्लिश खिलाड़ी ने बॉलिंग में हाथ साफ किया और टेस्ट क्रिकेट में पहली बार एक पारी में 11 गेंदबाजों के रूप में उपयोग करने का एक दुर्लभ रिकॉर्ड भी बन गया।
लॉब यानी एक किस्म की अंडर-आर्म बॉलिंग
इसी बीच विकेटकीपर अल्फ्रेड लिटलटन गेंदबाजी में कुछ खास जानते ही नहीं थे इसलिए उन्होंने लॉब बॉलिंग (एक तरह की अंडर-आर्म बॉलिंग) की और बिली मिडविन्टर (30) को आउट कर दिया। इसने अल्फ्रेड को विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए टेस्ट विकेट लेने वाला वाला पहला खिलाड़ी बना दिया और यह लॉब गेंदबाजी के माध्यम से पहला टेस्ट विकेट भी था।
136 साल बाद भी कायम है ये रिकॉर्ड-
कुछ ओवर बाद, एक और सेट बल्लेबाज जैक ब्लैकहम (32) इंग्लैंड के कीपर के सामने फंस गया। जैसे ही ऑस्ट्रेलियाई टीम 550 रन के करीब पहुंची, अल्फ्रेड को एक और विकेट मिल गया। लॉब बॉलर ने चार विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया आखिर में 551 रन बनाकर आउट हो गया, जिसमें 311 ओवर फेंके गए थे।
अब तक अल्फ्रेड लिटलटन, एक विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए, पुरुष अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 4 विकेट लेने का दावा करने वाले एकमात्र खिलाड़ी बने हुए हैं।