सीएसके को हरा चुके हैं फाइनल में
केकेआर के लिए अच्छी बात यह है कि वो जब पहली बार चैंपियन बनी थी तो उसने फाइनल में चेन्नई को ही 5 विकेट से हराया था। उस समय केकेआर के लिए कप्तान गाैतम गंभीर थे, जबकि चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे, जो इस बार भी फाइनल में केकेआर का सामना करने के लिए तैयार हैं। 2012 के फाइनल में केकेआर ने अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी, जबकि चेन्नई ने चाैथे स्थान पर रहकर एलिमिनेटर व क्वालिफायर 2 में जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था। मैच चेन्नई के एमए चिंदबरम स्टेडियम में हुआ, जहां धोनी ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। चेन्नई ने 3 विकेट खोकर 190 रन बना डाले, जिसमें माइकल हसी के 43 गेदों में 54 रन थे, जबकि सुरेश रैना ने 38 गेंदों मे 73 रन बनाए थे। मुरली विजय ने 42 तो धोनी 14 रन बनाकर नाबाद रहे थे।
बिसला ने ठोके थे तूफानी रन
लक्ष्य का पीछा करने उतरी तब केकेआर को पहला झटका महज 3 के स्कोक पर कप्तान गाैतम गंभीर (2) के रूप में लग गया। लेकिन इसके बाद दूसरे विकेट के लिए मनविंदर बिसला व जैक कैलिस के बीच 136 रनों की तेज साझेदारी हुई जिससे चेन्नई के हाथ से मैच जाता दिखा। ओपनर बिसला ने 48 गेंदों में तूफानी 89 रन ठोके, जिसमें 8 चाैके व 5 छक्के शामिल रहे। वहीं कैलिस ने 49 गेंदों में 69 रन बनाए। इनके आउट होने के बाद लक्ष्मी शुक्ला (3), युसूफ पठान (1) सस्ते में आउट हो गए, लेकिन अंत में शाकिब अल हसन (11) व मनोज तिवारी (9) ने मिलकर टीम को शेष 2 गेंदें रहते 5 विकेट से जीत दिला दी और पहला खिताब भी जीत लिया।
केकेआर के पास तीसरी बार खिताब जीतने का माैका
अब केकेआर के खिलाफ तीसरा खिताब जीतने का सुनहरा माैका है। केकेआर ने 2014 में पंजाब को हराया था। पंजाब ने 199 रन बनाए थे, लेकिन केकेआर ने 3 गेंदें शेष रहते मैच जीतकर दूसरी बार खिताब अपने नाम कर लिया था। अब केकेआर के पास एक बार फिर इसपर कब्जा करने का माैका है। ओपनर वेंकटेश अय्यर फाॅर्म में हैं, जिन्होंने दिल्ली के खिलाफ जीत दिलाने के लिए मुश्किल पिच पर 55 रनों की पारी खेली थी। वहीं सीएसके की नजरें चाैथी बार चैंपियन बनने पर होंगी।