भारत- पाकिस्तान का पहला वनडे
भारत-पाकिस्तान के बीच पहला वनडे 40-40 ओवरों का खेला गया था। ये मैच 1 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के क्वेटा में खेला गया था। भारत के कप्तान विश्न सिंह बेदी ने टॉस जीता और बल्लेबाजी चुनी। चेतन चौहान ( अभी यूपी के खेल मंत्री) और आंशुमन गायकवाड़ ने पारी की शुरुआत की। चौहान 2 रन पर चलते बने। गायकवाड़ ने 16, सुरेन्द्र अमरनाथ ने 37, गुंडप्पा विश्वनाथ ने 9 रन बनाये। मोहिंदर अमरनाथ ने शानदार पारी खेली और उन्होंने 61 गेंदों पर 51 रन बनाये। ये खास मौका था जब दो भाई, सुरेन्द्र अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ, एक साथ भारत के लिए वनडे इंटरनेशनल खेल रहे थे। सुरेन्द्र अमरनाथ, चेतन चौहान और कपिलदेव ने इस मैच में डेब्यू किया था। कपिल ने अपने पहले एकदिवसीय मैच में नाबाद 13 रन बनाये। भारत ने 40 ओवरों में 7 विकेट पर 170 रन बनाये। पाकिस्तान की तरफ से सरफराज नवाज सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने तीन विकेट लिये। हसन जमील को दो विकेट मिले। इमरान खां को कोई विकेट नहीं मिला।
भारत ने पहले वनडे में पाकिस्तान को हराया
इसके जवाब में पाकिस्तान की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। 22 रन पर मुदस्सर नजर के रूप में पहला विकेट गिर गया। ओपनर माजिद खान ने 50 रन बनाये। किसी दूसरे बल्लेबाज का उन्हें साथ नहीं मिला। भारत की कसी हुई गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान के बल्लेबाज बेबस हो गये। जहीर अब्बास ने 26, मियांदाद ने 6, हसन जमील 16, मोहसिन खान 17, इमरान 2 रन बना सके। 139 रन पर पाकिस्तान के 8 विकेट गिर चुके थे। नौंवें विकेट के लिए वसीम बारी और सरफाराज नवाज ने संघर्ष किया लेकिन वे पाकिस्तान को जीत नहीं दिला सके। पाकिस्तान 40 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 166 रन ही बना सका और चार रनों से वह मैच हार गया। भारत की तरफ से मोहिंदर अमरनाथ ने बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। उन्होंने 8 ओवरों में 38 रन देकर 2 विकेट लिये। उन्हें मैन ऑफ द मैच करार दिया गया। कप्तान बेदी को 2, कपिल को 1 और कर्सन घावरी को 1 विकेट मिले।
तीसरा मैच जीतने की स्थिति में था भारत
दूसरे एकदिवसीय मैच में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था। अब सीरीज का दारोमदार तीसरे मैच पर टिक गया। तीसरा वनडे 3 नवम्बर 1978 को पाकिस्तान के साहिवाल शहर के जफर अली स्टेडियम खेला गया था। आज तक इस मैदान पर पहले कभी इंटनेशनल मैच नहीं खेला गया था। एक छोटे शहर का ये एक साधारण स्टेडियम था। पाकिस्तान ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की। उसने 40 ओवरों में 7 विकेट पर 205 रन बनाये। इसके जवाब में भारत ने बढ़िया शुरुआत की। आंशुमन गायकवाड़ और चेतन चौहान ने पहले विकेट के लिए 44 रन जोड़े। चौहान 23 रन पर आउट हुए। इसके बाद सुरेन्द्र अमरनाथ और गायकवाड़ ने दूसरे विकेट के लिए 119 रनों की साझेदारी की और मैच में भारत की पकड़ मजबूत कर दी। सुरेन्द्र अमरनाथ 62 रन बना कर आउट हुए। गायकवाड़ ने एक छोर थाम रखा था। भारत का स्कोर 2 विकेट पर 183 पर पहुंच गया था। जीत नजदीक दिखायी दे रही थी।
भारत को जीतता देख बेईमानी पर उतरा पाकिस्तान
भारत का स्कोर 37 ओवर में दो विकेट पर 183 रन था। अब भारत को जीत के लिए 18 गेंदों में 23 रनों की दरकार थी। गायकवाड़ और विश्वनाथ क्रीज पर थे। गायकवाड़ 78 रन बना कर लय में थे। भारत की जीत पक्की लगी रही थी। 37 ओवर की समाप्ति पर पाकिस्तान के कप्तान मुश्ताक मोहम्मद ने सरफराज नवाज से कुछ बात की। सरफराज ने 38 वें ओवर की शुरुआत की। स्ट्राइक पर गायकवाड़ थे। पहली गेंद वाइड बाउंसर थी जो लंबे कद के गायकवाड़ से बहुच दूर और ऊंची थी। दूसरी गेंद भी वाइड बाउंसर। इस मैच में पाकिस्तान के शकूर राणा और जावेद अख्तर अम्पायरिंग कर रहे थे। गायकवाड़ ने अम्पायर शकूर राणा की तरफ देखा कि शायद वे गेंद को वाइड या ने बॉल करार दें। लेकिन अम्पायर ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। पाकिस्तान हार से बचने के लिए नकारात्मक खेल दिखाने लगा। सरफराज ने तीसरी और चौथी गेंद भी वाइड बाउंसर डाली। अम्पायर फिर भी खामोश रहे। अब ये साफ हो गया कि पाकिस्तान 13 खिलाड़ियों के साथ खेल रहा है। 11 खिलाड़ी और दो अम्पायर मिल कर ये मैच भारत को हराना चाहते थे। क्या कोई गेंदबाज एक ओवर में लगातार चार वाइड बाउंसर डाल सकता है ? भारत ने इसका विरोध किया। गायकवाड़ और विश्वनाथ क्रीज छोड़ कर मैदान के बीचोबीच खड़ा हो गये। खेल रुक गया। भारत के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने आयोजकों से खराब अम्पायरिंग की शिकायत की। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। सबकी मिलीभगत थी। नाराज बेदी ने गायकवाड़ और विश्वनाथ को ड्रेसिंग रूम में बुला लिया। भारत जीत के कगार पर खड़ा था। लेकिन बेईमानी ने उसे जीतने नहीं दिया। विवादास्पद तरीके से पाकिस्तान को विजेता घोषित कर दिया गया। वनडे इतिहास में ये पहला मौका था जब किसी टीम ने बेईमानी के विरोध में मैच का बहिष्कार कर दिया।