धोनी ने रखी थी खास डिमांड
दरअसल, धोनी ने 2019 में क्रिकेट से दूरी बनाकर बिपिन रावत से पैराशूट रेजीमेंट में ट्रेनिंग करने की अनुमति मांगी थी। धोनी का सपना था कि वह आर्मी के साथ रहकर कुछ सीखें। उनके इस सपने को पूरा करने के लिए रावत ने उन्हें पैराशूट रेजीमेंट में ट्रेनिंग करने की अनुमति दी थी। प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात एमएस धोनी रावत द्वारा दो महीने के लिए पैराशूट रेजिमेंट के साथ ट्रेनिंग करने की अनुमति मिली थी। उस समय भारत को विंडीज के खिलाफ क्रिकेट खेलना था, लेकिन सीडीसी रावत से अनुमति मिलने के बाद उन्होंने सेना के साथ रहकर अपना सपना पूरा किया।
बिपिन रावत ने कही थी ये बात
वहीं ट्रेनिंग के दौरान रावत ने धोनी को लेकर बड़ा बयान दिया था। कईयों ने कश्मीर में धोनी की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे, ऐसे में बिपिन रावत ने कहा था कि धोनी को कश्मीर सुरक्षा की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि धोनी अन्य नागरिकों की सुरक्षा करेंगे। रावत ने कहा था, ''हमें धोनी को सुरक्षा देने की जरूरत होगी। बल्कि धोनी खुद अन्य सैनिकों की तरह कश्मीर की जनता की सुरक्षा करेंगे। यही नहीं इस दौरान कैंटोनमेंट की सिक्योरिटी भी उनके जिम्मे होगी।''
उन्होंने कहा था, ''कोई भी भारतीय जब सेना की वर्दी पहनता है तो उसे उन जिम्मेदारियों को भी पूरा करने के लिए बिल्कुल अलर्ट रहना चाहिए जो वर्दी के लिए बनी हैं। एमएस धोनी ने अपनी बेसिक ट्रेनिंग पूरी कर ली है और हम जानते हैं कि वह अपनी ड्यूटीज को पूरा करने में सफल होंगे। गाैर हो कि 2019 में धोनी पैराशूट रेजीमेंट की 106 पैरा टेरिटोरियल आर्मी बटालियन की ट्रेनिंग का हिस्सा बने थे। धोनी ने तब आम सैनिकों की तरह ही पेट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट की ड्यूटी की थी।
नहीं रहे बिपिन रावत
धोनी का सपना पूरा करने वाले सीडीएस आज लोगों के बीच नहीं रहे हैं। हेलिकॉप्टर क्रैश में उनकी जान चली गई। तमिलनाडु के कुन्नूर जंगलों में बुधवार को सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर अचानक क्रैश हो गया। हादसा इतना खतरनाक था कि पेड़ों के साथ टकराते ही हेलिकॉप्टर में अचानक भयानक आग लग गई। हेलिकाॅप्टर में बिपिन रावत समेत सेना के 13 अफसर सवार थे। रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी थीं।