जब खिलाड़ियों ने गांगुली से किया मजाक
उन्होंने कहा,' मुझे वो दिन आज भी याद है, जब अप्रैल फूल वाला था हालांकि मुझे याद भी नहीं था कि उस दिन अप्रैल फूल है और खिलाड़ी मजाक भी कर सकते हैं। मैं रन नहीं बना पाने के चलते निराश था। मैं जैसे ही ड्रेसिंग रूम में गया टीम के खिलाड़ी एक साथ आ गए। सचिन और हरभजन ने मुझसे कहा कि आपने टीम के बारे में जो मीडिया में कहा उससे हम लोग निराश हैं।'
हरभजन ने कहा- आपकी बात से निराश है टीम
गांगुली ने बताया कि दोनों कि बातें सुनकर मैं हैरान रह गया और मैंने पूछा कि आखिरकार मैंने ऐसा क्या कहा जिससे वो लोग निराश हैं।
उन्होंने कहा,' मेरे सवाल के जवाब में भज्जी ने कहा कि अखबारों में खबर है कि टीम जिस तरह से खेल रही है आप उससे खुश नहीं हैं। अगर ऐसा है तो आपको टीम से बात करनी चाहिये थी न कि मीडिया से।'
कप्तानी से इस्तीफा देने को तैयार थे गांगुली
हरभजन की बात सुनकर गांगुली काफी निराश हो गये और उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात से टीम निराश हुई है तो वह कप्तानी से इस्तीफा देने को तैयार हैं।
गांगुली ने कहा,'मैंने उन लोगों से कहा कि अगर आप लोगों को लगता है कि मैं टीम के खेलने के तरीके से निराश हूं और मैंने कुछ गलत किया है तो मैं कप्तानी से इस्तीफा दे देता हूं। यह कहकर मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ देर बाद मैंने देखा कि हर कोई हंस रहा है। जब मुझे कुछ समझ नहीं आया तो हरभजन मेरे पासे आये और मजाक के बारे में बताया।'
मजाक के चलते लौट आई फॉर्म
गांगुली ने आगे बताया कि इस मजाक ने उनके लिये अच्छा काम किया और उनकी खराब हुई फॉर्म ठीक हो गई गई और वह फिर से रन बनाने लगे।
उन्होंने कहा, 'उस चीज ने मेरे लिए काम किया क्योंकि मैं फिर उस सीरीज में अच्छा खेला। यह बताता है कि मेरे खिलाड़ी मेरे लिए सोचते हैं। मैं रन नहीं कर रहा था और वो लोग चाहते थे कि मैं अच्छा महसूस करूं।'