तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

जब सचिन ठोकते रहे चौके और खामोशी से देखते रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री

By Ashok Kumar Sharma

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच जब भी कोई क्रिकेट मैच होता है, मौजूदा भूराजनीति, संस्कृति और इतिहास उसके साथ खड़े हो जाते हैं। फिर जज्बातों का समंदर इस कदर उमड़ता है कि खेल कब जंग में तब्दील हो जाता है, पता ही नहीं चलता। विश्वकप में भारत और पाकिस्तान का सबसे कठिन मैच 2011 में खेला गया था। भारत- पाकिस्तान के बीच कटुता चरम पर थी। विश्व क्रिकेट में पाकिस्तान की स्थिति अपमानजनक हो गयी थी। ऐसी कठिन परिस्थितियों में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहली बार एक साथ बैठ कर क्रिकेट का मैच देखने वाले थे। पाकिस्तान किसी कीमत पर हारना नहीं चाहता था। लेकिन उसे हार झेलनी पड़ी। सचिन तेंदुलकर और वीरेन्द्र सहवाग ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की ऐसी धुलाई शुरू की कि उनके प्रधानमंत्री मैच का मजा ही न ले सके।

शिखर धवन को कोच से मिला बड़ा चैलेंज, पूरा करने पर मिलेगी टीम में एंट्रीशिखर धवन को कोच से मिला बड़ा चैलेंज, पूरा करने पर मिलेगी टीम में एंट्री

मैच के पहले की भूराजनीति

मैच के पहले की भूराजनीति

2008 में पाकिस्तानी आतंकियों ने मुम्बई पर हमला किया था जिसमें करीब 164 लोग मारे गये थे। इस हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ बहुत रोष पैदा हो गया। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध खराब हो गये। बाइलेटरल क्रिकेट बंद हो चुका था। इसी बीच 2009 में पाकिस्तान खेलने गयी श्रीलंका की टीम पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में श्रीलंका के कई खिलाड़ी घायल हो गये थे। ऊपरवाले की कृपा से ही खिलाड़ियों की जान बची थी। इसके बाद दुनिया के तमाम देशों ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलना बंद कर दिया। 2011 में जब विश्वकप मेजबानी का सवाल आया तो आइसीसी ने पाकिस्तान को इसके लिए अयोग्य ठहरा दिया। पाकिस्तान से विश्वकप की मेजबानी छीन ली गयी। पाकिस्तान में खेले जाने वाले मैच भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में बांट दिये गये थे। आइसीसी के इस फैसले से पाकिस्तान बहुत अपमानित हुआ। उसने इस फैसले को कानूनी चुनौती दी। पाकिस्तान की अपील खारिज हो गयी। 2011 में पाकिस्तान गहरे अंतर्राष्ट्रीय दबाव में था। विश्व समुदाय में उसकी किरकिरी हो रही था।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत आए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत आए

2011 के विश्वकप में भारत और पाकिस्तान सेमीफाइनल में पहुंचे। सेमीफाइनल मैच भारत के मोहाली क्रिकेट स्टेडियम में होना था। इसी बीच भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को सेमीफाइनल मैच देखने का न्योता भेज दिया। इस न्योते पर पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी में खूब विचार-विमर्श हुआ। पहले तय हुआ कि किसी सीनियर लीडर को भारत भेज दिया जाए। लेकिन राजनयिकों की सलाह पर गिलानी भारत जाने के लिए राजी हो गये। राजनयिकों ने सलाह दी कि क्रिकेट डिप्लोमेसी के जरिये तनाव को कुछ कम किया जा सकता है। पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री के भारत जाने की पुष्टि कर दी। जैसे ही ये पता चला कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मैच देखने भारत आ रहे हैं, सेमीफाइनल मुकाबला हॉट इवेंट बन गया। फिर तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, स्पीकर मीरा कुमार, मुकेश अंबानी, आमिर खान जैसी हस्तियां मोहाली पहुंच गयीं। मोहाली आने के लिए वीआइपी मूवमेंट इतना बढ़ गया कि कुछ प्लेन जयपुर में लैंड कराने पड़े।

भारत-पाकिस्तान मैच के टिकटों की कीमत करेगी आपको हैरान, होगा 'हाईवोल्टेज' मुकाबला

रोमांच का आगाज

रोमांच का आगाज

30 मार्च 2011 को मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वकप क्रिकेट का सेमीफाइनल मैच शुरू हुआ। स्टेडियम के स्पेशल बॉक्स में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी मैच देखने के लिए एक साथ बैठे थे। पूरे स्टेडियम को एसपीजी ने अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया था। इतनी सुरक्षा में आज तक कोई क्रिकेट मैच नहीं हुआ था। बाजार में सन्नाट छा गया था। सड़कें सूनसान हो चुकी थीं। अधिकतर लोग टीवी से चिपक चुके थे। टॉस जीत कर महेन्द्र सिंह धोनी ने पहले बैटिंग चुनी। सचिन तेंदुलकर और वीरेन्द्र सहवाग पारी शुरू करने मैदान पर उतरे। पाकिस्तान ने उस मैच में शोएब अख्तर को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा था। उमर गुल, वहाब रियाज और अब्दुल रज्जाक को तेज गेंदबाज के रूप में जगह दी गयी थी। सहवाग ने अपने अंदाज में बैटिंग शुरू की। 25 गेदों में 9 चौकों के साथ 38 रन ठोक दिये और भारत का स्कोर 5.5 ओवर में ही 48 रनों पर पहुंचा दिया। लेकिन तभी सहवाग को वहाब रियाज ने आउट कर दिया। इसके बाद भारत के रनों की रफ्तार थम गयी। सचिन संभल कर खेलने लगे।

सचिन की धुलाई और पाकिस्तानी पीएम की खामोशी

सचिन की धुलाई और पाकिस्तानी पीएम की खामोशी

सहवाग के आउट होने के बाद सचिन और गौतम गंभीर ने 18.5 ओवर में स्कोर को 116 पर पहुंचा दिया। पिच गेंदबाजों का साथ दे रही थी। शॉट खेलना आसान न था। सचिन जब 27 रन पर थे तब आफरीदी की गेंद पर मिसबाहुल हक ने उनका कैच टपका दिया। इतने बड़े मैच में एक आसान कैच को छोड़ देने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बहुत निराश हो गये। 45 रन पर फिर सचिन का कैच छूट गया। सचिन जैसे धाकड़ बल्लेबाज का कैच छोड़ कर पाकिस्तान ने अपनी हार पर एक तरह से मुहर लगा ली। पाकिस्तानी समर्थकों में हताशा छा गया। सचिन ने इन मौकों का फायदा उठाया और 11 चौकों की मदद से 85 रनों का पारी खेली। सचिन पाकिस्तानी गेंदबाजों की धुनाई करते रहे और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खामोशी से सब कुछ देखते रहे। भारत ने धोनी के 25, सुरेश रैना के 36, हरभजन के 12 रनों के सहारे 260 रन बनाए।

भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान का तंबू उखाड़ा

भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान का तंबू उखाड़ा

261 का लक्ष्य पाकिस्तान जैसी टीम के लिए बहुत मुश्किल नहीं था। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल की बॉलिंग की। आशीष नेहरा ने सबसे किफायती गेंदबाजी की। उन्होंने 10 ओवर में 33 रन देकर दो विकेट लिये। 156 पर पाकिस्तान के 6 विकेट गिर गये तो मैच भारत की तरफ झुकने लगा। लेकिन विस्फोटक बल्लेबाज शाहिद आफरीदी और उमर अकमल ने मिल तेजी से रन बटोरना शुरू किया। अकमल एक चौका, दो छक्का जड़ चुके थे। मैच अब पाकिस्तान की तरफ जाने लगा। पाकिस्तान का स्कोर 6 विकेट पर 186 रन पहुंच गया था। करीब 8 ओवर में 76 रन बनाने थे। आफरीदी के लिए यह काम मुश्किल न था। ऐसे में हरभजन सिंह भारत के लिए संकटमोचक बने। उन्होंने जैसे ही आफरीदी को सहवाग के हाथों कैच कराया पूरा स्टेडियम खूशी से झूम उठा। आफरीदी 17 रन बना कर पवेलियन लौट गये। हरभजन ने खतरनाक बन रहे उमर अकमल को भी 29 रनों पर आउट कर दिया। अब मैच पर भारत की पकड़ मजबूत हो चुकी थी। पाकिस्तान की टीम 231 रनों पर ढेर हो गयी। नेहरा, हरभजन, जहीर खान, मुनफ पटेल और य़ुवराज सिंह ने दो- दो विकेट लिये। भारत ये मैच 29 रनों से जीत गया। इस हार से खफा पाकिस्तानी लोगों ने टीम के साथ बहुत खराब बर्ताव किया था। पाकिस्तान को आज भी ये दर्द बेचैन कर देता है कि है कि वह अपने प्रधानमंत्री के सामने भारत से क्यों और कैसे हार गया।

Story first published: Saturday, June 15, 2019, 11:10 [IST]
Other articles published on Jun 15, 2019
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X