वेस्टइंडीज दौरे पर सौरव गांगुली पर भड़के थे सचिन तेंदुलकर
अपनी कप्तानी के दौरान ही सचिन तेंदुलकर 1997 में वेस्टइंडीज दौरे पर गये थे जहां पर उन्हें कप्तानी का सबसे खराब दौर देखना पड़ा। इस दौरे पर सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारत को बारबाडोस में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद उन्होंने सौरव गांगुली का करियर खत्म करने की धमकी तक दे डाली थी।
उल्लेखनीय है कि बारबडोस में खेले गये इस टेस्ट मैच में भारतीय टीम को चौथी पारी में जीत के लिये महज 120 रनों की दरकार थी। पिच काफी सपाट होने के चलते भारतीय टीम के लिये यह टारगेट मुश्किल नहीं था और चौथे दिन की समाप्ति पर भारत ने बिना कोई विकेट खोये 2 रन बना लिये थे। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर जीत को लेकर काफी हद तक आश्वस्त हो गये थे और रेस्टरां के मालिक को शैम्पेन की बोतल तैयार रखने को कह दिया था।
सचिन तेंदुलकर ने दी थी सौरव गांगुली का करियर खत्म करने की धमकी
हालांकि मैच के आखिरी दिन उम्मीद से उलट चीजें देखने को मिली। आसान पिच होने के बावजूद पूरी भारतीय टीम 81 रनों पर ढेर हो गई। भारत को 39 रनों की हार का सामना करना पड़ा जिससे सचिन तेंदुलकर बुरी तरह आहत हुए। मैच खत्म होने के बाद सचिन तेंदुलकर भी साथी खिलाड़ियों पर जमकर बरसे और अपनी क्षमता के अनुसार काम करने को कहा।
इस बीच टीम से हाल ही में जुड़े सौरव गांगुली ने सांत्वना देने के लिये सचिन के पास पहुंचे, जहां पर सचिन ने उन्हें सुबह दौड़ने के लिये तैयार रहने को कहा। हालांकि सौरव गांगुली अगले दिन सुबह दौड़ने के लिये नहीं पहुंच सके जिसके बाद सचिन तेंदुलकर का गुस्सा देखने लायक था।
सचिन तेंदुलकर ने सौरव गांगुली को अगली फ्लाइट से घर भेजने की धमकी देते हुए कहा कि ऐसा हाल रहा तो करियर खत्म कर दूंगा। हालांकि गांगुली ने इसके बाद काफी कड़ी मेहनत की और महान खिलाड़ी बने।
रिकॉर्डधारी सचिन का कप्तानी में करियर रहा है फ्लॉप
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के हर प्रारूप में शानदार बल्लेबाजी की और एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड अपने नाम किये। हालांकि इस दौरान सचिन तेंदुलकर का कप्तानी वाला करियर काफी फ्लॉप रहा। सचिन तेंदुलकर के लिये उनकी कप्तानी का सफर बेहद खराब रहा और अपनी कप्तानी के दौरान उन्होंने काफी शर्मनाक रिकॉर्ड बनाये।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिये सचिन तेंदुलकर ने कुल 98 मैचों में कप्तानी की जिसमें टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूप शामिल हैं। इस दौरान भारतीय टीम को महज 27 मैचों में जीत मिली। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारत का जीत प्रतिशत सिर्फ 28% रहा। भारतीय टीम को सचिन की कप्तानी में 52 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।