नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपने समय हमेशा तेज पारियां खेलने के लिए जाने गए हैं। वह टीम को तेज शुरूआत दिलाने के लिए मैदान के चारों ओर शाॅट खेलने से नहीं डरे। एक समय तो ऐसा भी था जब साैरव गांगुली भी उनकी बैटिंग देख कहने लगे कि अब तो धीरे खेल लो। इसका खुलासा सहवाग ने ही सिंगापुर में आयोजित 'एचटी-मिंट एशिया लीडरशिप समिट 2019' के कार्यक्रम दाैरान किया।
सहवाग ने साल 2001 में श्रीलंका में हुए 'कोका-कोला कप' के एक मैच में गांगुली से हुए मजेदार किस्से का जिक्र किया। मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ था जिसे भारत को 265 रनों का लक्ष्य मिला था। सहवाग का यह 12वां वनडे मैच था, वह ओपनिंग करने उतरे तो आते ही बड़े शाॅट खेलने लग पड़े, लेकिन उनके साथ खेल रहे गांगुली चिंता में पड़ गए कि कहीं वो आउट ना हो जाएं। गांगुली ने उन्हें धीरे खेलने की सलाह दी लेकिन सहवाग नहीं रूके। 11वें ओवर में सहवाग में डॉरेल टफी को एक चौका और एक छक्का जड़ा। सहवाग ने कहा, ''मेरी बल्लेबाजी को देख गांगुली मेरे पास आए और कहा कि 'हमें सिर्फ 5 रन प्रति ओवर की औसत से रन बनाने हैं, क्योंकि लक्ष्य 265 रनों का ही है। हम 5 रन हर ओवर में बना रहे हैं।'
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हालांकि सहवाग ने उनकी यह बात मानी, लेकिन अगली ही गेंद पर उन्होंने चाैका मार दिया। सहवाग ने कहा, गांगुली फिर मेरे पास पहुंचे और कहा, 'हम अगले ओवर का रन भी इसी ओवर में बना चुके हैं।' सहवाग ने फिर एक चौका ठोक दिया। इस बार गांगुली उनके पास पहुंचे और बोले, 'अब हमने अगले तीन ओवरों के रन बना लिए हैं। अब तो धीरे खेलो।' सहवाग बोले- मैंने चौथी गेंद पर फिर चौका जड़ दिया। इस बार गांगुली रूके नहीं और बोले कि तुम मेरी बात सुनोगे या नहीं?' सहवाग ने फिर जवाब दिया कि मैं आपकी बात सुनूंगा लेकिन फुल टॉस गेंदों को छोड़ नहीं सकता। बता दें कि इस मैच में भारत ने सहवाग के शतक की बदाैलत 7 विकेट से मैच जीत लिया था।