स्कूल से भागे थे सुरेश रैना
रैना ने अपने स्कूलों दिनों को याद करते हुए कुछ मजेदार किस्से शेयर किए। उन्होंने बताया कि किस तरह वह स्कूल बंक करके सचिन तेंदुलकर का मैच देखने पहुंचे थे। रैना ने बताया कि वह सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी देखने के लिए स्कूल से भागे थे। जब 1998 में सचिन ने नौ वनडे शतक लगाए थे, उस वक्त रैना काफी युवा थे। वह और उनके दोस्त सचिन को खेलते हुए देखना चाहते थे, इसलिए स्कूल से भागकर सचिन की बल्लेबाजी देखी थी।
दो आखिरी पीरियड्स छोड़े थे
रैना ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में कहा, ''हमारे घर पर अपट्रॉन का टीवी था, लेकिन सिर्फ दूरदर्शन आता था। ऐसे में मैंने और मेरे कुछ दोस्तों ने स्कूल के दो आखिरी पीरियड्स को छोड़ दिया, क्योंकि शारजाह में टूर्नामेंट चल रहा था।'' उन्होंने कहा, ''उस दौर में सचिन तेंदुलकर पारी की शुरुआत किया करते थे। हम सिर्फ सचिन पाजी या द्रविड़ भाई की बल्लेबाजी देखने जाते थे। इनके आउट होने के बाद हम मैच देखना भी छोड़ देते थे।'' बता दें कि सचिन की शारजाह की पारी को 'डेजर्ट स्टॉर्म' के नाम से याद किया जाता है। इस मैच में सचिन ने 143 रन बनाए थे। भारत ने फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में तेंदुलकर ने 134 रन बनाए और भारत ने कोका कोला कप जीता।
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तब 7वीं क्लास में थे
टीम से बाहर चल रहे रैना ने कहा, ''मेरी उम्र उस समय 12 साल थी। मैं सातवीं क्लास में पढ़ता था। सचिन तेंदुलकर तब तक एक बड़ा नाम हो चुके थे।'' 2011 के वर्ल्ड कप में रैना, सचिन के टीममेट थे। सुरेश रैना ने कहा, ''उस सीरीज में सचिन पाजी ने दो लगातार शतक बनाए थे। उन्होंने कास्पारोविच को लंबे छक्के लगाए थे। उस समय कमेंटरी करने वाले टोनी ग्रेग, जो खुद एक बड़ा नाम थे, सचिन की तारीफ कर रहे थे। सचिन पारी ने उनकी आवाज में एक अलग ही एक्साइटमेंट भर दी थी।''