करते थे कड़ी मेहनत
अरुण पांडे ने उन लम्हों को याद किया जब सुशांत धोनी जैसा बनने के लिए दिन-रात एक करते में लगे थे। धोनी का करियर दमदार था। ऐसे में सुशांत भी उनकी बायोपिक में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। अरुण ने पीटीआई और भाषा से बात करते हुए कहा, ''जब धोनी पर फिल्म बन रही थी तो सुशांत काफी चिंता में थे कि वो बड़ी स्क्रीन पर सही उतर पाएंगे या नहीं। फिल्म रिलीज होने से पहले वह दवाब में थे।'' अरुण को अभी भी यह यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि आज सुशांत नहीं रहे हैं। अरुण ने कहा, ''सुंशात मुझसे कहता था, उम्मीद करता हूं कि मैं अच्छा करूंगा, नहीं तो माही के फैंस मुझे कभी भी माफ नहीं करेंगे। लेकिन वह इतना मेहनती था कि मुझे पूरा भरोसा था कि वह अच्छा काम करेगा और उसने सबकुछ अच्छा करके दिखाया भी।''
हेलिकाॅप्टर शाॅट के लिए की कड़ी मेहनत
धोनी को हेलिकाॅप्टर शाॅट के कारण भी खूब वाहवाही मिली थी। ऐसे में सुशांत ने भी हेलिकाॅप्टर शाॅट सीखने के लिए कड़ी मेहनत की थी। यहां तक कि उनकी मासपेशियों में खिंचाव आया लेकिन बावजूद इसके वह फिर हफ्ते के अंदर प्रैक्टिस करने जुट गए। अरुण ने कहा, ''एक दिन हेलीकॉप्टर शॉट का अभ्यास करते हुए उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया। हमने सोचा कि वह थोड़ा आराम करेगा और कुछ देर बाद आएगा, लेकिन उसने कहा कि मेरे कारण कोइ देर नहीं होनी चाहिए और वह एक हफ्ते में ही अभ्यास करने वापस आ गए।''
खुद को मानते थे भाग्यशाली
अरुण ने यह भी कहा कि सुशांत खुद को भाग्यशाली मानते थे कि उन्हें धोनी का किरदार निभाने का माैका मिला। उन्होंने कहा, ''सुशांत धोनी से कई सवाल किया करता था। छोटी छोटी चीजें ही अंतर पैदा करती हैं। दोनों बिहार से थे तो उन दोनों के बीच तालमेल बनाने में मदद मिली।'' उन्होंने कहा, ''मैं, धोनी और सुशांत दिल्ली में धोनी के एयर इंडिया कॉलोनी मकान में गए थे। माही ने याद किया कि वह कहां बैठते थे, खाते थे तो सुशांत भी किरदार को महसूस करने के लिए ऐसा करता था। घर में ऐसा भी स्थान था, जहां माही जमीन पर लेटता था तो सुशांत ने भी ऐसा ही किया। वह खुद को भाग्यशाली मानता था कि धोनी का किरदार निभाया।''