विक्रम राठौड़ बने बैटिंग कोच
पंजाब के इस बल्लेबाज ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैच और 7 ODI खेले हैं। राठौड़ को घरेलू क्रिकेट की शानदार प्रतिभाओं में शुमार किया जाता रहा है। उन्होंने 146 फर्स्ट क्लास मैचों में 11,473 रनों का योगदान दिया है। जबकि लिस्ट ए करियर में उनके नाम 99 मैच है जिनमें उन्होंने 3,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। 50 साल के राठौड़ ने 1996 से 1997 तक भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और ओपनिंग पर आकर बल्लेबाजी भी की है। इतना ही नहीं, राठौड़ नार्थ जोन से नेशनल सेलेक्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। राठौर ने अपने फर्स्ट क्लास करियर से संन्यास की घोषणा नवंबर 2003 में कर दी थी।
राहुल द्रविड़ भी हैं राठौड़ के मुरीद-
क्रिकेट में अपने फुटवर्क को लेकर आलोचनाओं का शिकार हुए भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने लिए बहुत बड़ा मुकाम नहीं हासिल कर सके लेकिन उनको क्रिकेट की शानदार तकनीकी समझ के लिए जाना जाता है। इसके चलते राठौड़ कोचिंग की दुनिया में एक भरोसेमंद नाम हैं। भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ खुद इंडिया ए टीम में बैटिंग कोच पद के लिए राठौड़ का नाम सुझा चुके हैं। हालांकि राठौड़ को हितों के टकराव के चलते इंडिया ए और भारत की अंडर-19 टीमों की कोचिंग का मौका नहीं मिल पाया था।
बैटिंग कोच पद से संजय बांगर को हटाए जाने की मुख्य वजह का हुआ खुलासा
इसलिए राठौड़ को मिली बांगर पर तरजीह-
राठौड़ का चयन एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति ने किया है। प्रसाद ने राठौर के बारे में बात करते हुए बताया- 'वह हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के निदेशक थे। वह पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के कोच होने के अलावा आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के भी सहायक कोच रह चुके हैं। इसलिए उनके पास पर्याप्त अनुभव है। इन सबके अलावा उनके पास नेशनल क्रिकेट अकादमी में के साथ मिलकर भी कई काम करने का अनुभव है। इसलिए हम उनके कौशल पर भरोसा करते हैं और हमने महसूस किया कि वे हमारी पहली वरीयता में होने चाहिए।'