नई दिल्ली। क्रिकेट में खिलाड़ियों की सैलरी को लेकर बरसों से चले आ रहे भेद-भाव पर अब बीसीसीआई बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। टेस्ट खिलाड़ियों को अच्छी सैलरी की वकालत करने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली की बात को सुनने का मन आखिरकार बीसीसीआई ने बना लिया है और शायद इसीलिए इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) की महिला सदस्य शांता रंगास्वामी ने कहा है कि सिर्फ टेस्ट खेल रहे खिलाड़ियों जैसे चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के अनुबंधों पर बीसीसीआई फिर से विचार करेगी। शांता रंगास्वामी को लगता है कि सौरभ गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
विराट कोहली अक्सर यह कहते हुए सुनाई दिये हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप, खासकर टेस्ट में खेलते हैं, उन्हें अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि उन्हें सीमित ओवरों और आईपीएल में न खेलने का पछतावा न हो।
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शांता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि विराट कोहली का विचार अच्छा है और जब खिलाड़ियों के अनुबंध की बात आती है तो नीति को दोबारा देखना बनता है ताकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा, 'हमारे पास पहले से ही श्रेणी हैं। विराट तीनों प्रारूप खेलते हैं तो वह सबसे ऊपर की श्रेणी में हैं। कुछ खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट या टी-20 खेलते हैं तो उन्हें इसके हिसाब से वेतन मिलना चाहिए। गांगुली अब अध्यक्ष हैं तो इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है। क्या पता यह खेल के लिए अच्छा हो और इससे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए।'
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उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विराट ने जिस बात की वकालत की थी वो वाजिब थी। पुजारा के अलावा रहाणे भी भारत के लिए टी-20 नहीं खेलते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन बताता है कि उन्हें जो मिल रहा है उस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई की शीर्ष परिषद इस मसले को देखेगी। अब अध्यक्ष एक पूर्व कप्तान हैं तो उम्मीद है कि चीजें खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए होंगी।'