मध्य क्रम महान नहीं था
धोनी ने कहा कि एक टीम के रूप में हमारे पास अच्छा सीजन था। लेकिन हमें वापस जाने और इस पर चिंतन करने की जरूरत है कि हम फाइनल में कैसे पहुंचे। यह उन वर्षों में से एक नहीं है जहां हमने यहां तक पहुंचने के लिए वास्तव में महान क्रिकेट खेला है। मध्य क्रम महान नहीं था, और आज यह बहुत मज़ेदार था कि कभी एक टीम तो कभी दूसरी टीम ट्रॉफी पर की ओर गुजर रही थी।
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कम गलती करने वाली टीम जीती
इस कड़े मुकाबले में देखा गया कि दोनों टीमों की तरफ से खराब बल्लेबाजी व फिल्डिंग दिखी, जिसपर धोनी ने कहा कि दोनों टीमों ने बहुत सारी गलतियां कीं। एक कम गलती करने वाली टीम ने जीत हासिल की। उन्होंने गेंदबाजों की तारीफ में कहा कि मुझे लगता है कि गेंदबाजों ने हमारे लिए वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया, आज भी निश्चित रूप से यह विकेट 150 रन से अधिक का था। वे जरूरत पड़ने पर विकेट लेते रहे। जब भी उन्होंने विरोधी टीम को कम स्कोर तक सीमित किया, तो हमारे बल्लेबाजों ने बल्ले से चाैका लगाकर ज्यादातर मैच जीते हैं। हमें अपने ड्राइंग बोर्ड पर जाना होगा, और अब इसके लिए कोई वास्तविक समय नहीं है। हमें विश्व कप में जाने की जरूरत है और उसके बाद हमें अंतराल को देखना होगा जिसे हम भर सकते हैं।
रोमांचक जीत के साथ मुंबई बना चैंपियन
बता दें कि इस खिताबी मुकाबले में मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर चेन्नई के सामने 150 रनों का लक्ष्य रखा। मुंबई की तरफ से किरोन पोलार्ड ही 25 गेंदों में 41 रनों की सर्वाधिक पारी खेल सके। इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज प्रभावित नहीं कर पाया। जवाब में उतरी चेन्नई टीम को क्विंटन डी काॅक व शेन वाॅटसन के रूप में अच्छी शुरूआत दी। लेकिन इस जोड़ी के टूटने के बाद मुंबई के गेंदबाजी हावी हो गए। मैच अंत तक गया और मुंबई ने आखिरी गेंद पर 1 रन से रोमांचक जीत हासिल कर ली। चेन्नई के लिए सिर्फ वाॅटसन ही 59 गेंदों में 80 रनों की पारी खेल सके।
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