नई दिल्ली। रवि शास्त्री को हाल ही में एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच चुना गया है। शास्त्री के कार्यकाल दाैरान टीम ने विदेशी पिचों पर भी कामयाबी के झंडे गाड़े। शास्त्री अब 2021 तक टीम के कोच पद पर बने रहेंगे। इससे पहले उन्होंने जुलाई 2017 में पहली बार अनिल कुंबले की जगह टीम का कोच चुना गया था। भारतीय टीम इंग्लैंड में हुए विश्व कप में सेमीफाइनल में हार गई थी, अटकलें लगीं कि शास्त्री कोच पद से हट सकते हैं। टाॅम मूडी भी कोच बनने की रेस में थे। लेकिन अब सबसे सफल कप्तानों में शुमार रहे सौरव गांगुली ने खुलासा किया है कि आखिर क्यों शास्त्री को दोबारा कोच चुना गया था।
गांगुली ने कहा है कि बेशक रवि शास्त्री हेड कोच के लिए सही पसंद हैं, लेकिन बीसीसीआई के पास अधिक विकल्प नहीं थे क्योंकि अधिक दावेदारों ने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था। गांगुली ने कहा कि रवि शास्त्री पिछले पांच साल से टीम से जुड़े हैं और उन्हें दो और साल के लिए ये जिम्मेदारी दी गई है। मुझे नहीं लगता कि इतिहास में किसी और व्यक्ति को इतने लंबे समय के लिए ये जिम्मेदारी दी गई है। इस काम के लिए रवि शास्त्री सही विकल्प हैं, लेकिन अब उन्हें उनमें जताए गए भरोसे पर खरा उतरना होगा। उनके सामने दो टी-20 वर्ल्ड कप हैं जो साल 2020 और 2021 में होने हैं। इस तरह के बड़े टूर्नामेंट में टीम इंडिया को जीत का रास्ता तलाशना ही होगा।
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रवि शास्त्री को सबसे पहले साल 2007 में बांग्लादेश दौरे पर क्रिकेट मैनेजर चुना गया था। इसके बाद साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ 1-3 से मिली हार के बाद वे टीम के डायरेक्टर बनाए गए। डंकन फ्लेचर का बतौर कोच कार्यकाल पूरा होने के बाद 2015 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री को 2016 टी-20 वर्ल्ड कप तक के लिए टीम की कमान दी गई। इसके बाद अनिल कुंबले को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया, हालांकि 2017 में कुंबले के इस्तीफा देने के बाद शास्त्री को यह जिम्मेजदारी साैंपी गई।