लॉकडाउन के दौरान की है यह घटना
मार्च 2020 में कोरोना महामारी की चपेट में दुनिया भर के देश आने के बाद भारत पूरी तरह से लॉकडाउन में चला गया था, जिसके बाद आम आदमी से लेकर मशहूर हस्तियां भी घर में बंद रहने पर मजबूर थी। इस बीच इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने इंस्टाग्राम लाइव पर खिलाड़ियों का इंटरव्यू लेना शुरू किया जो धीरे-धीरे ट्रेंड सेटर बन गया और तमाम खिलाड़ी भी एक-दूसरे से बात करते नजर आने लगे। इसी फेहरिस्त में भारतीय टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा ने पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह से 8 अप्रैल 2020 को बात की।
इस बातचीत के दौरान युवराज सिंह और रोहित शर्मा लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के सोशल मीडिया पर टिकटॉक वीडियो बनाने और अन्य खिलाड़ियों के लाइव चैट में कमेंट करने को लेकर खिंचाई करते नजर आते हैं। इसी दौरान युवराज सिंह मजाक में एक बात कहते हैं, जिसमें जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल होता है।
युवराज सिंह ने किया था जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल
युवराज सिंह वीडियो में युजवेंद्र चहल के टिकटॉक वीडियो पर बात करते हुए कहते हैं कि 'ये भंगी जैसा काम करता है, इसको कोई काम नहीं है..युजी ने देखा क्या वीडियो डाला है फैमिली के साथ, जबरदस्ती अंकल-आंटी को नचा कर टिकटॉक बना रहा है।' इसके जवाब में रोहित ने कहा कि मस्ती-मजाक करना अलग बात है पर बाप को नचाना अच्छा नहीं लगता।
सोशल मीडिया पर इस लाइव का यह हिस्सा करीब 25 दिनों बाद तेजी से वायरल होने लगा जिसको लेकर सोशल मीडिया पर युवराज सिंह ट्रोल होने लगे। इतना ही नहीं हरियाणा में कुछ लोगों ने उनके खिलाफ इस शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर शिकायत भी दर्ज करा दी और उन्हें गिरफ्तार कर सजा देने की मांग करने लगे।
युवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर जारी किया माफीनामा
इस घटना को तूल देने के बाद तेजी से आलोचना होने पर युवराज सिंह ने 5 मई 2020 को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर एक माफीनामा जारी किया और इस शब्द का इस्तेमाल करने से दिल दुखने पर माफी मांगी।
उन्होंने लिखा,'मै यह साफ करना चाहता हूं कि मैं किसी भी तरह के भेदभाव में विश्वास नहीं रखता, फिर वो चाहे रंग,जाति, भेद और लिंग के आधार पर ही क्यों न हो। मैंने अपना जीवन लोगों की भलाई के कामों में समर्पित किया है। मैं जीवन की मर्यादा में विश्वास रखता हूं और बिना किसी भेदभाव के सभी का आदर करता हूं। मुझे लगता है कि मेरे दोस्तो से बातचीत के दौरान मेरे द्वारा कही गई बात का गलत मतलब निकाला गया है, यह गलतफहमी पूरी तरह से अनचाही है। हालांकि मैं एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते कहना चाहता हूं कि अगर मेरी बात से किसी को भी दुख या भावनाओं को ठेंस पहुंची है तो मैं उसके लिये माफी चाहता हूं। मेरा भारत और उसके लोगों के लिये प्यार सर्वोपरि है।'
जानें क्या था युजवेंद्र चहल का रिएक्शन
वहीं इस बयान के बाद जब युजवेंद्र चहल से इस पूरे मामले को लेकर सवाल किया गया तो एक वेबसाइट को दिये गये इंटरव्यू में उन्होंने कहा,'न जाने क्यों लोग इस बात पर बेमतलब का हंगामा कर रहे हैं। युवराज सिंह बेहद अच्छे इंसान हैं, वो कभी किसी का दिल नहीं दुखाते और अब तो वो माफी भी मांग चुके हैं। सिर्फ एक शब्द को लेकर किसी को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। युवी पाजी ने उस शब्द का इस्तेमाल मेरे लिये लेकिन मुझे कतई इस बात का बुरा नहीं लगा है, क्योंकि कई बार बातों-बातों में आप बिना सोचे-समझे कुछ ऐसा बोल जाते हैं। मैं भी युवी पाजी की तरफ से माफी मांगता हूं, अगर किसी का दिल दुखा है तो मैं भी माफी मांगने को पूरी तरह से तैयार हूं।'
17 अक्टूबर 2021 को युवराज हुए गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के हांसी जिले के रजत कलसन की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी और एसएसी एक्ट में एफआईआर दर्ज की थी, रजत ने अपनी शिकायत में एक भारतीय खिलाड़ी (युवराज) की ओर से दूसरे भारतीय खिलाड़ी (चहल) पर जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल की शिकायत की, जिसके बाद कोर्ट ने जांच के आदेश दिये और युवराज उसी का हिस्सा बने। युवराज सिंह के खिलाफ आईपीसी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (रोकथाम और अत्याचार) अधिनियम की धारा 3(1)(यू) की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता की अखंडता को तोड़ने के लिये कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि इसी मामले के तहत युवराज को शनिवार को गिरफ्तार किया जिसके बाद अंतरिम जमानत पर उन्हें रिहा भी कर दिया गया। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच कर रहे एसपी ने युवराज का फोन जब्त कर लिया है। इस बीच युवराज सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने निर्दोष होने की गुहार लगाते हुए एफआईआर को निस्तेज करने की अपील की है।