बीसीसीआई से ज्यादा धोनी ने किया सरप्राइज-
बीसीसीआई से ज्यादा यह मूव महेंद्र सिंह धोनी की ओर से ज्यादा सरप्राइज है क्योंकि उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप के बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट के प्रति बेरुखी सी अपना ली थी। वे सारे काम कर रहे थे बस क्रिकेट नहीं खेल रहे थे। आईपीएल बहुत ज्यादा करो या मरो जैसा नहीं होता, धोनी यहां पर खेलते रहे लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट से पिछले साल संन्यास ले लिया। उसके बाद किसी को नहीं पता था वे इस भूमिका के जरिए वापसी करेंगे।
एमएस धोनी के चेन्नई सुपर किंग्स के साथ अपने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के कार्यकाल के पूरा होने के बाद टीम में शामिल होने की उम्मीद है। धोनी पिछले महीने दुबई पहुंचे हैं और 19 सितंबर से टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने के लिए अपने कुछ सीएसके साथियों के साथ ट्रेनिंग ले रहे हैं।
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क्या ये कोचिंग की ओर पहला कदम है?
एमएस धोनी की नियुक्ति के बारे में बोलते हुए, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा कि उन्होंने दुबई में पूर्व कप्तान से टी 20 विश्व कप के लिए मेंटर की भूमिका के बारे में बात की। शाह ने कहा कि धोनी इस प्रस्ताव के लिए तुरंत राजी हो गए और वह इस बार सहयोगी स्टाफ के सदस्य के रूप में टीम की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्या धोनी की वापसी को आगे कोचिंग की भूमिका में परमानेंट माना जाए? इस बात के आसान नहीं है क्योंकि धोनी का हिसाब वैसा नहीं है कि वे संन्यास के तुरंत बाद भारतीय क्रिकेट की कोचिंग में समय देना पसंद करेंगे।
जय शाह ने भी यह स्पष्ट किया कि एमएस धोनी की नियुक्ति केवल टी 20 विश्व कप के लिए है। बीसीसीआई सचिव ने कहा कि इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाने से पहले विराट कोहली और रवि शास्त्री के साथ चर्चा की गई थी।
सबको भरोसे में लेकर लिया गया है ये फैसला- जय शाह
जय शाह ने कहा, "मुझे खुशी है कि एमएस ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और वह एक बार फिर हमारी राष्ट्रीय टीम में योगदान देने के इच्छुक हैं। एमएस धोनी टीम इंडिया को समर्थन प्रदान करने के लिए रवि शास्त्री के साथ-साथ अन्य सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर काम करेंगे।"
उन्होंने कहा, "जहां तक एमएस धोनी की बात है, मैंने उनसे बात की थी जब मैं दुबई में था। वह केवल टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया के मेंटर बनने के लिए सहमत हुए। मैंने कप्तान और उप-कप्तान के साथ-साथ रवि शास्त्री से भी बात की। इसलिए हम निष्कर्ष पर पहुंचे।"