क्या विराट ने दिया 'बचकाना बयान'
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से रोहित के साथ कथित विवाद पर सवाल पूछे गए। उन्हें साल 2011-12 में धोनी,सहवाग और गंभीर के बीच कथित विवाद की याद दिलाई गई और पूछा गया कि क्या भारतीय टीम में आज वही स्थिति पैदा हो गई है। कोहली ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा "मैं आप सबको अपने बारे में एक बात बताता हूं, अगर मैं किसी शख्स को नापसंद करता हूं या मैं किसी भी व्यक्ति से असुरक्षा महसूस करत हूं तो आप यह मेरे चेहरे पर देख सकते हैं या उस व्यक्ति के साथ मेरे व्यवहार में देख सकते हैं।" कोहली ने अपने स्वभाव के बारे में बताते हुए कहा यह समझना इतना आसान है। क्या किसी टीम के कप्तान का यह कहना उचित है कि कुछ लोग (खिलाड़ी) उनके गुड बुक्स में नहीं है। बतौर कप्तान विराट का यह बयान कितना सही या गलत है इस पर लंबी बहस हो सकती है।
सफाई में भी 'चूक' कर बैठे विराट
कोहली ने रोहित की बात करते हुए कहा "मैं ने हमेशा रोहित की प्रशंसा की है जब कभी मुझे ऐसा मौका मिला है। मुझे विश्वास है कि वो इतने कद्दावर हैं। मेरा उनसे कोई विवाद नहीं है। ईमानदारी से पूछें तो यह विचलित और हैरान करने वाली बात है। मुझे नहीं पता इन सभी चीजों से कौन फायदा उठाना चाहता है, हम सभी यहां रहते हैं, सांस लेते हैं सिर्फ इस बात के लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं कि कैसे टीम इंडिया को टॉप पर ले जाया जाए, पता नहीं किसे ऐसा करने से मजा आता है और यह कैसे काम करता है।" कप्तान हमेशा अपने खिलाड़ी की प्रशंसा कर सकता है उसे सपोर्ट कर सकता है इसके लिए शायद किसी खास मौके की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। विराट ने रोहित के प्रशंसा वाली बात से जिस तरह सफाई देने की कोशिश की उसमें एक कप्तान की झलक कम और व्यक्तिगत सोच अधिक हावी दिखा।
विराट और रोहित के बीच नहीं है 'ऑल इज वेल', कोई नहीं झुकने को तैयार
क्या कोहली ने जान-बूझकर की यह गलती?
विराट कोहली विंडीज दौरे पर जाने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार पानी पीते हुए कूल होकर सवालों के जवाब देते देखे गए लेकिन कप्तान कोहली इस दौरान एक बड़ी चूक कर बैठे। उन्होंने अपने उपकप्तान के क्रिकेट करियर की बात करते हुए उन्हें पद में नहीं बल्कि खेलने के साल में भी जूनियर बता दिया। कोहली ने कहा "मैं 11 साल से क्रिकेट खेल रहा हूं और रोहित 10 साल क्रिकेट खेलते आ रहा है, यह सुनकर हैरानी होती है कि लोग कहां से ऐसी विवाद जैसी चीज लेकर आ रहे हैं"। कोहली इस बयान में एक चूक कर गए। रोहित ने ODI और टी-20 दोनों में साल 2007 में डेब्यू किया था वहीं विराट ने ODI डेब्यू 2008 में और टी-20 डेब्यू 2010 में किया है। रोहित ने टेस्ट में थोड़ा देर से डेब्यू किया, उन्होंने 2013 में डेब्यू किया वहीं विराट साल 2011 से ही टेस्ट खेलते आ रहे हैं। विराट ने रोहित के ODI करियर को 2 साल कम कर दिया लेकिन आंकड़ों को देखें तो वो उनके सीनियर हैं। विराट का अपने डेप्यूटी को कम क्रिकेट खेलने का अनुभव बताना जान-बूझकर था या सोची समझी "साजिश" यह तो शायद कप्तान ही बता पाएं।
रहाणे को मिला विराट का समर्थन
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को जब टेस्ट के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के फॉर्म से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा " रहाणे एक सॉलिड खिलाड़ी हैं और मुझे उम्मीद है कि वो जल्द ही फॉर्म और रिदम दोनों हासिल कर पाएंगे। रहाणे ने कई मौकों पर प्रेशर सिचुएशन में बढ़िया क्रिकेट खेला है इसलिए हम उनके केस में तुरंत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं। टेस्ट टीम में रोहित की वापसी के बाद क्या विराट ने यह बयान किसी खास 'रणनीति' के तहत दी है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी यूजर्स सवाल खड़े कर रहे हैं।
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