चटगांव। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बांग्लादेश के साथ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन अपने करियर का 44वां शतक जड़ा। शतकों की दौड़ में तेंदुलकर आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान रिकी पोंटिग से एक कदम और आगे निकल गए हैं। पोंटिंग 39 शतकों के साथ इस दौड़ में दूसरे स्थान पर हैं।पोंटिंग ने होबार्ट के बेलेरीव ओवल मैदान पर पाकिस्तान के साथ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में 209 रनों पारी खेलकर अपने टेस्ट करियर का 39वां शतक लगाया था। उस शतक के साथ पोंटिंग ने उन आलोचकों का मुंह भी बंद कर दिया, जो उनकी बल्लेबाजी पर लगातार अंगुलियां उठा रहे थे।10 मैचों बाद शतक लगा पाए पोंटिंग खराब दौर से गुजर रहे पोंटिंग ने 10 मैचों के बाद पहला शतक लगाया था। उन्होंने इससे पहले 8 जुलाई, 2009 को कार्डिफ में इंग्लैंड के खिलाफ एशेज श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में 150 रनों की पारी खेली थी।इसके बाद मानो पोंटिंग का बल्ला उनसे रूठ गया क्योंकि अगले शतक का इंतजार करने के लिए पोंटिंग को 18 पारियों तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान आलोचकों ने उनके खिलाफ मुहिम शुरू कर दी। सबने एक स्वर में कहा कि पोंटिंग को कप्तानी से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इसके दबाव के कारण उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हो रही है।तेंदुलकर की कहानी बिलकुल अलग दूसरी ओर, तेंदुलकर की कहानी बिल्कुल अलग है। मास्टर ब्लास्टर पिछले 10 मैचों में पांच शतक और चार अर्धशतक लगा चुके हैं। तेंदुलकर चटगांव में 105 रन बनाकर नाबाद लौटे। इससे पहले उन्होंने 10 मैचों की 19 पारियों में चार बार नाबाद रहते हुए टीम के लिए योगदान दिया।पोंटिंग के बल्ले से पिछली 18 पारियों में जहां एक भी शतक नहीं निकला वहीं तेंदुलकर ने इस दौरान 109, 103 नाबाद, 160, 100 नाबाद और 105 नाबाद रनों की शतकीय और 68, 64, 62 और 53 रनों की अर्धशतकीय पारियां खेलीं।तेंदुलकर जहां टेस्ट मैचों में 13075 रन जड़ चुके हैं वहीं पोंटिंग ने 11859 रन बनाए हैं। पोंटिंग और तेंदुलकर के बीच वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा हैं, जो 11953 रन बनाने के बाद संन्यास ले चुके हैं। लारा के नाम 34 शतक हैं जबकि भारत के राहुल द्रविड़ 28 शतकों के साथ चौथे स्थान पर हैं।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।