नई दिल्ली। भारत ने ब्रिस्बेन (Brisbane) में गाबा स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ अपना चौथा टेस्ट खेला। मैच की आखिरी पारी में भारतीय टीम को 328 रनों की चुनौती मिली थी। भारतीय टीम ने 97 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर चुनौती का पीछा किया और ऐतिहासिक मैच को 3 विकेट से जीत लिया। इसी के साथ भारत ने टेस्ट श्रृंखला (Test Series) भी 2-1 से जीती। भारत ने चाैथी पारी में 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा तीसरी बार किया। खास बात यह रही कि टीम ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन के बगैर दम दिखाया।
इस तरह का पहला प्रदर्शन अप्रैल 1976 में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज (WestIndies) के खिलाफ किया था। पोर्ट ऑफ स्पेन में मैच की चौथी पारी में मेजबान टीम ने भारत को 403 रनों से चुनौती दी थी। भारत ने 147 ओवर में 4 विकेट खोकर 406 रन बनाकर वेस्टइंडीज की चुनौती को पूरा किया। बत्तीस साल बाद, 2008 में, भारत ने चौथी पारी में 300 से अधिक रन बनाकर इंग्लैंड (England) के खिलाफ मैच जीता। इंग्लैंड ने चेन्नई में मैच की आखिरी पारी में 387 रन बनाए थे। जवाब में, भारत ने 98.3 ओवर में 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। इस प्रकार, भारत ने टेस्ट मैच की चौथी पारी में तीसरी बार 300 से अधिक रनों के लक्ष्य का पीछा किया। एक बार घर में और दो बार विदेश में जीत दर्ज की।
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वहीं मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन टेस्ट में पहले बल्लेबाजी की और भारत के खिलाफ 370 रनों का जबरदस्त प्रदर्शन किया। मार्नस लाबुशाने का (108) बल्लेबाजी शतक इसका एक बड़ा हिस्सा था। जवाब में, भारत ने निचले क्रम के बल्लेबाज वाशिंगटन सुंदर (62) और शार्दुल ठाकुर (67) के बीच शतकीय साझेदारी की बदौलत पहली पारी में 336 रन बनाए। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 34 रनों की मामूली बढ़त मिली।
इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 294 रन जोड़कर 34 रन की बढ़त हासिल कर ली थी। इसलिए भारत के सामने जीत के लिए 328 रनों का लक्ष्य था। युवा भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल (91) और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत (89) ने भारत को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की। भारत ने दूसरी पारी में 7 विकेट पर 329 रन बनाए और 3 विकेट से सीरीज जीत ली।