पूनम यादव (Poonam Yadav)
भारतीय टीम ने अपने विश्व कप अभियान का आगाज पूर्व चैम्पियन और मेजबान टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया। भारतीय टीम इस मैच में बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाई और सिर्फ 132 रन पर ढेर हो गई। आसानी से मैच को जीतते दिख रही ऑस्ट्रेलिया की टीम के सामने भारतीय गेंदबाज पूनम यादव ने चुनौती पेश की और 4 ओवर में 19 रन देकर 4 विकेट हासिल किये और भारतीय टीम को 17 रनों से जीत दिलाई। इसके बाद पूनम यादव नहीं रुकी और विश्व कप में अब तक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गई हैं। वह अभी तक 9 विकेट हासिल कर चुकी हैं और 4 में से 3 बार 145 से कम के स्कोर को बचाने में अहम भूमिका निभाई।
शिखा पांडे (Shikha Pandey)
विश्व कप अभियान में भारत को फाइनल तक पहुंचाने वाली दूसरी खिलाड़ी की बात करें तो वह हैं टीम की तेज गेंदबाज शिखा पांडे, जिन्होंने लगातार भारतीय टीम के लिये डेथ ओवर्स में शानदार गेंदबाजी की है और जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में शिखा पांडे ने 3.5 ओवर गेंदबाजी करके 14 रन दिये और 3 विकेट हासिल किये थे। इतना ही नहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में जब कीवी टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिये 16 रन की दरकार थी तो 3 रन से मैच जिताने में शिखा पांडे ने ही अहम भूमिका निभाई थी। शिखा पांडे इस टूर्नामेंट में 7 विकेट हासिल करके सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में चौथे नंबर पर काबिज हैं।
शैफाली वर्मा (Shafali Verma)
किसी भी टी20 विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में उतरने वाली भारत की 16 वर्षीय शैफाली वर्मा ने अपनी बल्लेबाजी से तहलका मचाया हुआ है। वह भारत के लिये हर मैच में लगातार रन बनाने वाली खिलाड़ी बनी और कई विस्फोटक पारियां खेली। शैफाली वर्मा ने 4 मैचों भारत के लिये 161 रन बनाये और इस दौरान 47 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाली खिलाड़ी भी हैं। शैफाली अब तक 9 छक्के और 18 चौके लगा चुकी हैं। फैन्स इस खिलाड़ी को भारतीय टीम के लेडी सहवाग कहकर पुकार रहे हैं।
दीप्ती शर्मा (Deepti Sharma)
भारत के लिये विश्व कप के फाइनल में पहुंचने के सफर की बात हो और दीप्ती शर्मा का नाम न लिया जाये ऐसा हो ही नहीं सकता। इस हरफनमौला खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की खराब शुरुआत के बाद पारी को संभाला और नाबाद 49 रनों की पारी खेली कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। वह टूर्नामेंट में अब तक 83 रन बना चुकी हैं, साथ ही दीप्ती ने न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ अहम मौके पर विकेट हासिल करके टीम की जीत में अपना योगदान दिया। दीप्ती शर्मा ने अपने हरफनमौला खेल के चलते भारत के अजेय अभियान में अपना योगदान दिया।
हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur)
किसी भी टीम को खिताब जिताने में जितना योगदान खिलाड़ियों का होता है उतना ही योगदान उसके कप्तान का भी होता है। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिये बल्ले से भले ही यह टूर्नामेंट कुछ खास नहीं रहा हो लेकिन अपनी कप्तानी के दम पर उन्होंने भारत को अभी तक अजेय बना कर रखा और फाइनल में पहुंचाने में कामयाब रही। हरमनप्रीत की कप्तानी की बदौलत भारतीय टीम 3 बार 135 से कम के स्कोर को बचा पाने में सफल रहा। हरमनप्रीत ने अपने गेंदबाजों का सूझ-बूझ से इस्तेमाल किया और भारत को विजयी बनाया।