शैफाली ने अच्छा खेला, हार का ठीकरा उस पर फोड़ना ठीक नहीं
दरअसल मैच के पहले ही ओवर में ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज एलिसा हीली का कैच शैफाली के हाथों में आया था जिसे वह पकड़ पाने में नाकाम रही थी, नतीजन हीली ने इस मैच में 75 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली और भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि शैफाली सिर्फ 16 साल की है, आप किसी एक खिलाड़ी पर हार की ठीकरा नहीं फोड़ सकते।
उन्होंने कहा, ‘वह (वर्मा) केवल 16 वर्ष की है, वह अपना पहला विश्व कप खेल रही है। उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। महज 16 साल की किशोरी के लिए सकारात्मक सोच रखना और खेल में बने रहना मुश्किल है।'
इस घटना से बढ़ेगा शैफाली का अनुभव
गौरतलब है कि विश्व कप फाइनल में भारतीय टीम बड़े लक्ष्य का दबाव को झेलने में नाकाम रही जिसके बाद उसकी पूरी टीम महज 99 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने मुकाबले को 85 रन से जीतकर पांचवीं बार खिताब अपने नाम किया।
हरमनप्रीत ने कहा, ‘यह शैफाली के लिए एक सीख है लेकिन यह किसी के लिए भी हो सकता है। हम उसे दोष नहीं दे सकते क्योंकि उस तरह की स्थिति में दूसरे खिलाड़ी भी थे।'
राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी छोड़ा कैच
आपको बता दें कि शैफाली के अलावा बायें हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी अपने पहले ओवर में एलिसा हीली की साथी बेथ मूनी का कैच टपका दिया जिसकी वजह से इन दोनों खिलाड़ियों ने पहले विकेट के लिये 115 रन की साझेदारी कर डाली। एलिसा हीली ने 39 गेंद में 75 रन की आतिशी पारी खेली तो बेथ मूनी 54 गेंद में नाबाद 78 रन बनाकर वापस लौटी और ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट के नुकसान पर 184 रनों का पहाड़ सा लक्ष्य खड़ा कर दिया।
मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने माना कि इन दो कैचों का छूटना निराशाजनक था जिसकी वजह से हम दबाव में आ गये और हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘हमने शानदार लय में चल रहे बल्लेबाजों को मौका दिया और जब ऐसा होता है तो किसी गेंदबाज के लिए वापसी करना मुश्किल होता है।'