संभावित 15 खिलाड़ियों की सूची तय
टीम मैनजेमेंट ने पिछली तीन ODI श्रृंखलाओं में इस बात की झलक दे दी है कि वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम के लिए संभावित 15 खिलाड़ियों की सूची में कौन-कौन खिलाड़ी होंगे लेकिन प्लेइंग-11 में किसे मिलेगी जगह यह तय नहीं है। न्यूजीलैंड के खिलाफ ODI में धमाकेदार वापसी करने वाले मोहम्मद शमी तेज गेंदबाजी में एक प्रबल दावेदार बनकर उभरे हैं लेकिन सवाल यह है कि 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल से लेकर अक्टूबर 2018 (विंडीज के खिलाफ पहले ODI) तक शमी ने सिर्फ 3 ODI खेले हैं। निजी जिंदगी के झंझावातों से जूझकर शमी ने टेस्ट के बाद टीम इंडिया की ब्लू जर्सी में जिस तरह वापसी की है वो अपने प्रदर्शन से प्लेइंग-11 में जगह बनाने में कामयाब रहेंगे।
हरभजन ने बताया विश्व कप में कौन सा खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए होगा x-फैक्टर
किसकी जगह है तय
एक ऑल राउंडर के तौर पर विराट की पहली पसंद हार्दिक पांड्या हैं उन्होंने कई बार इसका जिक्र करते हुए कहा है कि "पांड्या जैसे खिलाड़ी आपकी टीम को बैलेंस देते हैं और किसी भी स्थिति में वो मैच जिताने वाले खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।" नंबर-7 की जगह पांड्या के लिए फिक्स मानी जा सकती है। टीम इंडिया में विराट को छोड़कर जसप्रीत बुमराह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो तीनों प्रारूप खेलते हुए खुद को फिट रख रहे हैं और उनके लिए मैनजेमेंट भी विशेष ध्यान दे रहा है। कलाई के दो स्पिनर भी तय हैं, बुमराह की प्लेइंग-11 में डायरेक्ट एंट्री होगी वहीं उनके साथ एक तेज गेंदबाज की जगह खाली है। ताजा फॉर्म को देखते हुए भुवी और शमी तेज गेंदबाजी में विकल्प हैं वहीं उमेश यादव को शायद ही टीम में जगह मिल पाए जबकि खलील एक बैक अप गेंदबाज हो सकते हैं।
आंकड़ों में कौन किससे बेहतर
विश्व कप 2019 की तैयारी में जुटी टीम इंडिया ने जसप्रीत बुमराह को 'सुरक्षित' रखने का प्लान बनाया और उन्हें आराम दिया है। ऐसी स्थिति में शमी और भुवनेश्वर दोनों को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ ODI में मौका मिला। भुवी ने (अक्टूबर 2018 के बाद ) इस दौरान कुल 11 ODI मैच खेले और 18 विकेट चटकाए हैं जबकि शमी ने 9 मैच खेले और 17 विकेट झटके। भुवनेश्वर हाल के दिनों में फॉर्म और फिटनेस दोनों से जूझते दिखे और आईपीएल -2018 में लगी चोट के बाद वापसी तो की लेकिन उनकी गेंदबाजी में वो धार नहीं दिखा जिसके लिए वो जाने जाते हैं। भुवी ने 5.18 की औसत से ये विकेट झटके हैं वहीं शमी थोड़े खर्चीले रहे और उन्होंने 5.45 की औसत से विकेट झटके हैं।
वेरिएशन में कौन बेस्ट
भुवनेश्वर ने अक्टूबर 2018 से अब तक यॉर्कर लेंथ की गेंदों पर 9.00 की औसत से रन लुटाए हैं तो शमी 3.50 की औसत के साथ किफायती साबित हुए हैं। शॉर्ट गेंदों में भुवी का औसत 6.11 का रहा है तो शमी यहां भी 5.11 की औसत के साथ बाजी मारते दिख रहे हैं। स्लोअर बॉल पर भुवी 7.76 की औसत से रन खर्च किए हैं वहीं शमी 4.00 की औसत से। शॉर्ट बॉल पर भुवी को 22.60 की औसत से विकेट मिले तो शमी 18.60 की औसत के साथ यहां भी आगे हैं। स्लोअर गेंदों पर भुवनेश्वर ने 4.30 के औसत से विकेट झटके हैं तो शमी यहां थोड़े पीछे हैं और उन्हें हर विकेट के लिए 6.00 रन खर्च करने पड़े हैं।
क्यों शमी को मिलेगी तरजीह
हाल के दिनों में जहां भुवी अपने फॉर्म और फिटनेस से जूझ रहे हैं वहीं शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ODI श्रृंखला में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब हासिल कर अपनी दावेदारी और भी मजबूत कर ली। अक्टूबर के बाद झटके 17 विकेट में शमी ने 10 विकेट शॉर्ट और शॉर्ट ऑफ गुड लेंथ की गेंदों से लिया है। शमी ने हाल में संपन्न हुई श्रृंखला में यह साबित किया कि ऐसी गेंदें उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं और वो अपने फुल फॉर्म में वापस लौट चुके हैं। शमी सिर्फ नई गेंदों से ही नहीं बल्कि न्यूजीलैंड की स्विंग वाली पिचों पर पुरानी गेंदों से भी घातक दिखे और उनकी गेंदबाजी में एक अलग पैनापन देखा गया। वेरिएशन के तौर पर उन्होंने हाल में स्लोअर गेंदे भी फेंकनी शुरू कर दी है।
ALSO READ : नंबर-4 के लिए अंबाती रायडू और दिनेश कार्तिक के बीच हो गई 'लड़ाई'
शास्त्री से मिली प्रशंसा
शमी एक बेहद ही शानदार गेंदबाज हैं और क्रिकेट पंडितों की राय में उनके पास वो हर गुण है जो एक तेज गेंदबाज में होने चाहिए। शमी 6 सालों से क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन 2018 उनके लिए बेस्ट साल रहा है। अपनी पत्नी से चल रहे विवादों के बावजूद जिस तरह उन्होंने मैदान पर वापसी की यह किसी भी खिलाड़ी के लिए मिसाल हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में कहर बरपाने के बाद उन्होंने दिखाया कि उनकी गेंदबाजी वाली तरकश में आज भी ऐसे गेंद हैं जिससे दुनिया में किसी भी खिलाड़ी को आउट किया जा सकता है। रवि शास्त्री ने भी ऑस्ट्रेलिया दौर के बाद उन्हें स्टैंडआउट परफॉर्मर बताया।