विलियमसन का 'एज' नहीं भांप सके डिकॉक
केन विलियमसन की पारी के साथ ही एक बड़ा विवाद प्रोटियाज टीम के साथ जुड़ गया है। दक्षिण अफ्रीका इस मैच को हारकर अब विश्व कप में सेमीफाइनल की रेस से भी बाहर ही हो चुका है। ऐसे में यह मैच करो या मरो वाला था। इसी मैच में एक ऐसा पल भी आया जिसका फायदा ना उठाना अफ्रीकी टीम के लिए जानलेवा गलती के समान भारी पड़ा। दरअसल दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर इमरान ताहिर की एक गेंद विलियमसन को छकाती हुए सीधे क्विंटन डिकॉक के दस्तानों में कैद हो गई थी। इसके बाद ताहिर ने अपील भी की लेकिन डिकॉक इसको लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं थे। ऐसे में अंपायर ने भी कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। लेकिन जब टीवी रिप्ले देखा गया तो साफ पता चल रहा था कि विलियमसन के बल्ले का निचला किनारा गेंद से छू गया था और वे आउट थे। उस समय प्रोटियाज कप्तान फाफ डु प्लेसिस भी रिव्यू लेना चाहते थे लेकिन उन्होंने डिकॉक की राय जानकार अपना इरादा बदल दिया था।
एक भूल ने खत्म किया प्रोटियाज अभियान
ऐसे में जब टीवी रिप्ले बार-बार चलाया गया और पाया गया कि विलियमसन आउट थे तो फिर जैसे सबको सांप सूंघ गया। कॉमेंटेटर समेत सभी में इस बार की चर्चा शुरू हो गयी कि आखिर डिकॉक इतने साफ 'एज' को भी क्यों नहीं भांप सके। उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है क्योंकि न्यूजीलैंड अब जहां सेमीफाइनल की ओर आगे बढ़ चुका है तो प्रोटियाज के लिए अब ये बैग पैक करने का समय है। इस घटना के बाद ये चर्चा भी जोरों पर उठ रही है कि आखिर डिकॉक इस घटना के लिए किस हद तक दोषी ठहराए जाने चाहिए? तो इस बारे में एक साफ राय ये भी है कि एक विकेटकीपर के लिए कई बार सेकेंड से भी कम के समय में ऐसे 'एज' भांपना आसान नहीं होता है। महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपरों में शुमार हैं लेकिन उन्होंने भी 16 जून को हुए भारत-पाक मैच के दौरान एक ऐसी ही गलती कर दी थी।
भारत-पाक मैच में धोनी से भी हुई ऐसी गलती
जी हां, उस मैच में कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल की एक पाकिस्तानी बल्लेबाज बाबर आजम के पैड से टकराकर बल्ले पर लगी। चहल ने भी उत्तेजित होकर पगबाधा की अपील की लेकिन धोनी ने इस मामले पर दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में जब टीवी रिप्ले चलाया गया और अल्ट्रा एज तकनीक से जांच की गई तो पता चला कि गेंद आजम के पैड से पहले टकराई थी। यानी ये साफ तौर पर पगबाधा का केस था जिसको भारत ने गंवा दिया। यह एक ऐसा मामला था जिसको नंगी आंखों से पकड़ना लगभग नामुमकिन था ऐसे में जब चहल ने कोहली से रिव्यू की मांग की तो कोहली धोनी के पास गए और धोनी ने उनको रिव्यू ना लेने की सलाह दी जो बाद में गलत साबित हुई। धोनी का मानना था कि गेंद पहले बैट से लगी है और ऐसे में भारत अपना एक रिव्यू बेकार में गंवा देगा। लेकिन भारत के लिए यह मामला दक्षिण अफ्रीका जितना भारी नहीं पड़ा क्योंकि बाबर आजम केन विलियमसन की तरह कोई कमाल की पारी नहीं खेल सके और ना ही अपनी टीम को भारत के खिलाफ जीत दिला सके।
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