नई दिल्ली। भारत में शायद ही कभी इतने सक्षम नेतृत्वकर्ताओं की भरमार नहीं रही जितनी कि इस समय की मौजूदा टीम इंडिया में है। मजेदार बात यह है कि हाल में संपन्न हुए आईपीएल-12 में विराट कोहली की टीम आरसीबी के लचर प्रदर्शन के बाद कोहली की कप्तानी पर सवाल तो उठे हैं लेकिन विश्व कप में टीम इंडिया के नेतृत्व को लेकर सभी निश्चिंत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर कोहली को महेंद्र सिहं धोनी और रोहित शर्मा जैसे धुरंधर आईपीएल कप्तानों का साथ मिलेगा।
इसी परिप्रेक्ष्य में बात करते हुए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व महान फील्डर जॉन्टी रोड्स ने बात की है। रोड्स ने विश्व कप में टीम इंडिया के कप्तान की भूमिका पर बात करते हुए बताया है कि यह हमेशा जरूरी नहीं होता कि कप्तान सामने से आकर टीम का नेतृत्व करे। उन्होंने कोहली और धोनी की कप्तानी का उदाहरण देते हुए बताया कि धोनी जहां खेल के मानसिक पहलू को नियंत्रित रखते हैं तो वहीं कोहली की कोशिश हमेशा अपनी छाप छोड़ने की होती है।
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रोड्स ने कहा, 'दोनों ही खिलाड़ी अलग तरह के कप्तान हैं। धोनी फिटनेस और माइंडसेट नजरिए को नियंत्रित करने के शानदार उदाहरण हैं। जबकि कोहली का अंदाज अलग है। वे गेम पर अपनी छाप छोड़ना पसंद करते हैं।' रोड्स ने यह बात इंडिया टूडे से हुई बातचीत में कही।
रोड्स ने कहा कि एक कप्तान के लिए जरूरी है कि वह बाकी लोगों का भी उत्साह बढ़ाए। उन्होंने कहा, 'ये अच्छी बात है कि आप खुद शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन आपको अपने आसपास मौजूद लोगों को भी प्रेरित करना होता है।' आपको बता दें कि कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की टीम लीग चरण से ही बाहर हो गई थी। वहीं धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स एक बार फिर से फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई। जबकि खिताब की बाजी रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस के हाथ लगी।