टीम इंडिया को 'युवराज' की तलाश
किसी भी क्रिकेट टीम के लिए बड़े मैच जीतने में ऑल राउंडर की बड़ी भूमिका होती है और अगर इवेंट विश्व कप जैसा हो और दावेदारी खिताब बचाने या वापस लाने की हो तब तो इनकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। 2011 विश्व कप के युवराज सिंह इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। भारतीय टीम विश्व कप 2019 से ठीक पहले ऐसे ही 'युवराज' की तलाश में है जो वर्ल्ड कप 2019 में 2011 के विश्व कप का करिश्मा दुहरा सके। अंबाती रायडू को भले ही विराट खुद नंबर-4 का विकल्प बता चुके हों लेकिन अगर विराट को नंबर-4 पर खेलना पड़े तो जाधव हर लिहाज से नंबर-5 या 6 पर एक बेहतर ऑल राउंड परफॉर्मर साबित होंगे। पढ़िए क्यों वो रायडू से हर लिहाज में एक बेहतर विकल्प हैं।
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कद छोटा और काम बड़ा
हैदराबाद ODI में टीम इंडिया के चार विकेट महज 99 रन पर पवेलियन लौट चुके थे, धोनी और जाधव की जोड़ी ने अपनी शानदार पारियों से टीम को जीत दिलाई। जाधव ने 87 गेंदों में 81 रनों की शानदार पारी खेली और माही के साथ पांचवें विकेट के लिए 141 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई। वैसे यह पहला मौका नहीं था जब माही-जाधव की जोड़ी ने भारत को ऐसी जीत दिलाई है। जनवरी में मेलबर्न मैदान पर भी इसी जोड़ी ने भारतीय टीम को जीत दिलाई थी, जाधव ने उस मैच में भी 57 गेंदों में 61 रनों की अहम पारी खेलकर सीरीज जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। जाधव ने हैदराबाद ODI में किफायती गेंदबाजी भी की थी, उन्होंने 7 ओवर में महज 31 रन दिए और मैच को बदलने वाला स्टोइनिस का अहम विकेट भी झटका था। जाधव पार्टनरशिप तोड़ने के माहिर माने जाते हैं इसलिए उन्हें "गोल्डन आर्म" खिलाड़ी का भी टैग मिला है।
कैसे 'स्ट्रीट स्मार्ट' खिलाड़ी बने जाधव
जाधव ने अब तक खेले 55 ODI मुकाबलों में 1083 रन बनाए हैं। उन्होंने 47.08 की औसत और 105.65 के स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए हैं। किसी भी फिनिशर के लिहाज से यह औसत वर्ल्ड कप की ड्रीम टीम में जगह पाने के लिए काफी हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 231 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भी जाधव ने एक अदभुत पारी खेली जहां टीम 113 रनों के स्कोर पर तीन विकेट गंवा चुकी थी। एशिया कप के फाइनल में 222 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के टॉप-3 बल्लेबाज महज 83 रनों पर पवेलियन लौट चुके थे। ग्रोइन इंजरी होने के बावजूद जाधव ने मैच जिताऊ पारी खेली। विषम परिस्थिति में शानदार पारी खेलने के माहिर होते जा रहे जाधव को सुनील गावस्कर भी 'स्ट्रीट स्मार्ट' खिलाड़ी की संज्ञा देते हैं। यह बहुत ही चालाकी से स्ट्राइक रोटेट करते हैं और खराब गेंदों पर चौके-छक्के भी जड़ते हैं।
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क्या रायडू हो रहे हैं फेल?
भारतीय टीम के प्लेइंग एकादश में किसे जगह मिलेगी और कौन बाहर बैठेगा इसे लेकर बहस तेज है। अंबाती रायडू जिन्हें नंबर-4 का दावेदार माना जा रहा था उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। जहां 55 मैच की 36 पारियों में जाधव के नाम 5 अर्धशतक और 2 शतक हैं वहीं रायडू पिछले दो तीन महीने से कोई भी बड़ी या मैच की स्थिति के मुताबिक पारी खेलने में नाकाम रहे हैं, उन्होंने पिछली 10 पारियों में महज एक पचासा लगाया है। रायडू ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 90 रनों की पारी को छोड़कर कोई भी बड़ी पारी नहीं खेली है। जाधव जहां तेज स्ट्राइक रोटेट करने के माहिर माने जाते हैं वहीं रायडू बड़े मैच और स्कोर बोर्ड के दबाव में अक्सर फ्लॉप हो जाते हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जाधव ने 103 और 99 रनों की शानदार पारी खेली है वहीं घरेलू क्रिकेट के माहिर कहे जाने वाले रायडू मुश्ताक़ अली ट्रॉफी की पिछली 4 पारियों में कुल 67 रन बना पाए हैं।
गेंदबाजी में भी HERO
एशिया कप में जीत के बाद जाधव से पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल पूछा गया था। क्या आप खुद को ऑल राउंडर मानते हैं ? उनका जवाब था "मैं एक बल्लेबाज हूँ जो गेंदबाजी कर सकता है" यह उन्होंने हैदराबाद में मिली जीत के बाद भी दुहराया लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं। जाधव बड़े मैच में बड़े विकेट लेने के माहिर हैं। उन्होंने 55 मैच में 26 विकेट लिए हैं और जमी हुई साझेदारी तोड़ने के माहिर हैं। स्लिंगिंग एक्शन की वजह से किसी भी पिच पर घातक साबित होते हैं और एक उम्दा क्षेत्ररक्षक भी। इस दौरान उनका औसत 31.53 और इकॉनोमी 4.94 रही है। यह किसी भी लिहाज से किसी ऑल राउंडर (हार्दिक और जडेजा) से बेहतर आंकड़े हैं। धोनी ने धर्मशाला में गेंदबाजी करने को कहा था और तब से अब तक उन्होंने कई अहम मौकों पर बड़े विकेट चटकाए हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर बार-बार चोटिल हो जाना इनकी सबसे बड़ी कमजोरी कही जा सकती है। क्या 2019 विश्व कप में ये टीम इंडिया के युवराज बन पाएंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा।
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