दो लीजेंड कभी नहीं लेते हैं क्रेडिट
दुनिया में क्रेडिट लेने के लिए जीने वाला शख्स कभी महान नहीं बन पाता है, वो जीवन भर 'मुझे भी क्रेडिट मिल जाए' इसके चक्कर में अपना दिमाग फिराते रहता है लेकिन कुछ शख्सियतें ऐसी भी हैं जो कैमरे से दूर बिना किसी खास लाइमलाइट के ऐसा काम कर जाते हैं जिसके लिए उन्हें दुनियाभर से क्रेडिट मिलता है। किसी भी खिलाड़ी की सफलता का क्रेडिट हर शख्स लेना चाहता है लेकिन भारतीय क्रिकेट में वर्तमान समय में एक नहीं दो लीजेंड ऐसे हैं जिनसे अगर आप यह पूछें कि फलां खिलाड़ी की सफलता में आपका क्या योगदान है तो वह इस बात से साफ मुकर जाते हैं और कहते हैं 'इस खिलाड़ी की सफलता में उ नकी (फलां खिलाड़ी) मेहनत,लगन और कठिन परिश्रम है, मैं तो सिर्फ माध्यम हूं' ऐसे दो दिग्गज हैं राहुल द्रविड़ और जहीर खान।
द्रविड़ को दुनिया देती है क्रेडिट
दरअसल ये दो ऐसे दिग्गज हैं जिन्हें किसी खिलाड़ी की सफलता में क्रेडिट लेते नहीं देखा गया। जिस खलील अहमद को दुनिया जहीर खान की खोज मानती, खुद जहीर ने उसे द्रविड़ की खोज बताकर दुनिया का दिल जीत लिया। खिलाड़ी अपनी इन भावनाओं की वजह से महान नहीं लीजेंड बनता है। अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम की सफलता पर जब द्रविड़ से सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था 'मुझसे अधिक योगदान बांकी सभी क्रिकेट स्टाफ, खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ की है जिन्होंने इतनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है' उनकी इतनी प्यारी सी बात ही क्रिकेट खिलाड़ियों, प्रशंसकों के दिल में उनके लिए सम्मान दिलाता है।
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द्रविड़ ने दिया गेंदबाज
राजस्थान के टोंक शहर के रहने वाले खलील की कहानी किसी जादुई परी की कहानी जैसी लगती है। डोमेस्टिक क्रिकेट का पूरा सीजन तक नहीं खेल पाने वाले इस खिलाड़ी की रिकॉर्ड बुक में घरेलू मैदान पर अर्जित किए कोई ऐसे बड़े रिकॉर्ड नहीं हैं जिनके दम पर इनकी टीम इंडिया में एंट्री हो जाए। टीम इंडिया को एक से एक शानदार बल्लेबाज देने वाले राहुल द्रविड़ ने इस बार भारतीय टीम को एक गेंदबाज दिया इसका खुलासा खुद जहीर खान ने क्रिकेट की एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में किया, पढ़िए वह कहानी और जानिए कैसे द्रविड़ ने न सिर्फ टीम इंडिया की बल्लेबाजी का बेंच स्ट्रेंथ ही मजबूत किया है बल्कि वर्ल्ड कप से ठीक पहले उन्होंने भारतीय टीम को एक ऐसा खिलाड़ी दिया है जो इंग्लैंड की पिचों पर काफी सफल हो सकता है।
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जहीर ने की खलील की जमकर तारीफ
जहीर ने बताया कि" खलील के पास वो हर क्षमता है जो एक तेज गेंदबाज में होने चाहिए, वो विकटों पर बढ़िया जंप लगाते हैं, वो तेज उछाल भरते हैं,वह गेंदबाजी करते हुए डेक को तेज हिट करते हैं लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब जो सीखना है वह प्रेशर वाली स्थिति को कैसे हैंडल करते हैं, खेलते-खेलते और समय के साथ वह इसे भी सीख लेंगे। लेकिन टीम इंडिया तक इस खिलाड़ी को पहुंचाने में जिस शख्स का सबसे अधिक योगदान है वो हैं राहुल द्रविड़।' मैं इस बात में विश्वास रखता हूं कि अगर आप खलील के नाम के आगे विकटों की संख्या देखेंगे तो उनके नाम के आगे विकेट की संख्या कोई महान कहानी नहीं कहती हैं लेकिन उनके लिए अभी टीम इंडिया में चुना जाना एक बड़ी बात है ' इनका अभी टीम में चुने जाने के लिए चयनकर्ताओं और सबसे अधिक उन्हें बधाई मिलनी चाहिए जिन्होंने इस खिलाड़ी में भरोसा दिखाया और उनमें इतना विश्वास भरते रहे कि आप बेहतर कर सकते हो। इसके लिए द्रविड़ भी उतने ही बधाई के पात्र हैं जिन्होंने उन्हें मौके दिए और इस बात को तय किया कि उन्हें भरपूर मौका मिले ताकि वो बेहतर कर पाएं। चयनकर्ताओं ने उन्हें भरपूर मौका दिया है, ऐसा बहुत कम होता है कि जिस खिलाड़ी ने पूरा डोमेस्टिक सीजन न खेला हो और कम से कम 40-50 विकेट लिए हों वह टीम में चुना जाता है, खलील की कहानी इससे अलग है उनके नाम के आगे बहुत उपलब्धियां नहीं है लेकिन उन्हें मौका मिला है।
राहुल ने कैसे खलील को टीम में पहुंचाया
जहीर ने खलील की शानदार स्टोरी सुनाते हुए कहा कि 'राजस्थान और दिल्ली की टीमों में खलील जगह बनाने में नाकामयाब रहे वह आईपीएल में भी बेंच पर अधिक समय बिताए लेकिन उनमें सबसे अच्छी बात यह है कि वो हमेशा सीखने के लिए आतुर रहते हैं उन्होंने नेट्स में बहुत शानदार गेंदबाजी की और उनमें वो x-फैक्टर दिखा। इंडिया-A के साथ खेलते हुए उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और कई अहम मौकों पर बड़े विकेट झटके। लेकिन इस उपलब्धि को पाने में और इंडिया-A के साथ उनके अच्छे प्रदर्शन का क्रेडिट जिसे मिलना चाहिए वो हैं राहुल द्रविड़। खलील की सफलता के पीछे सबसे अधिक योगदान द्रविड़ का माना जाएगा जिन्होंने इस स्टिंट के दौरान उनमें सबसे अधिक आत्मविश्वास भरने का काम उनके मेंटर द्रविड़ ने किया, इतना ही नहीं इस खिलाड़ी के दिल्ली के साथ दो साल में सबसे अधिक काम द्रविड़ ने किया। उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में पहुंचाने और चुनकर लाने में भी राहुल का बहुत बड़ा योगदान है। अंडर-19 से लेकर अब तक द्रविड़ ने न सिर्फ खलील को प्रोत्साहित कर बढ़िया क्रिकेटर बनाया बल्कि इन तीन सालों में सबसे अच्छी तरह से गाइड भी किया'
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चयनकर्ताओं ने किया बैक
जहीर ने बताया कि 'चयनकर्ताओं ने इस बात को सुनिश्चित किया कि एक बढ़िया और प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौके नहीं मिलने की वजह से परेशान न हो और उन सभी लोगों को इस बात का क्रेडिट मिलना चाहिए जिन्होंने इस तरह की चयन प्रक्रिया को अंजाम देते हुए एक शानदार खिलाड़ी को टीम इंडिया में जगह दी है। अब वो टीम में आ गए हैं तो उन्हें मौके भी मिलेंगे और पूरी दुनिया उन्हें जान चुकी है। उम्मीद है कि वो बड़े अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम के लिए शानदार प्रदर्शन भी करेंगे'।
खलील के आदर्श हैं जहीर
हालांकि खलील की मानें तो उन्होंने अपनी सफलता के पीछे जहीर खान की सलाह और राहुल द्रविड़ की मेंटरशिप दोनों को कई मौकों पर क्रेडिट दिया है। उन्होंने हाल में ODI में पदार्पण के बाद बताया कि ' मुझे लगता है कि मुझे एक बेहतर गेंदबाज बनाने में जहीर भाई के सलाह की बड़ी भूमिका रही है। मैंने उनके साथ दिल्ली डेयरडेविल्स में दो साल तक बहुत कुछ सीखा और कई अलग-अलग कंडीशन में खेलने की वजह से उन्होंने हमेशा बताया कि कब कैसी पिचों पर किस तरह की गेंदबाजी करनी है वहीं उन्होंने द्रविड़ को भी उतना ही क्रेडिट दिया जिन्होंने उन्हें एक बेहतर खिलाड़ी बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
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