दक्षिण अफ्रीका की दुखदायी वापसी
आपको बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने टीम इंडिया के खिलाफ मिली हार के बाद लॉर्ड्स के मैदान पर रविवार को हुए मुकाबले में शानदार जीत दर्ज की और सेमीफाइनल की रेस में पहुंचने की उम्मीदें बरकरार रखी है। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 309 रनों का लक्ष्य दिया लेकिन प्रोटियाज की टीम 49 रनों से यह मैच हार गई और अफगानिस्तान के बाद वर्ल्ड कप से बाहर होने वाली दूसरी टीम बन गई है। यह विश्व कप राउंड रॉबिन के तहत खेला जा रहा था। यानी सभी टीमों के पास वापसी करने का जोरदार मौका था लेकिन अफ्रीकी टीम ने अपनी सभी लीग मैच पूरे होने से पहले ही घर वापसी की राह पक्की कर ली है।
विश्व कप इतिहास में प्रोटियाज का सफर
आपको बता दें कि विश्व कप दक्षिण अफ्रीका भले ही खिताबी जंग कभी नहीं जीत पाई हो लेकिन उसका ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा शानदार रहा है। अगर 1992 के विश्व कप से शुरू करें तो प्रोटियाज ने तब सेमीफाइनल का सफर तय किया था। 1996 के विश्व कप में यह टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी लेकिन वहां ब्रायन लारा की पारी ने उनका गेम खत्म कर दिया था। इसके बाद 1999 के विश्व कप में भी यह टीम सेमीफाइनल तक पहुंची और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सांसें थामने वाले मुकाबले में 'चोक' करके बाहर हो गई।
केवल दूसरी दफा नॉकआउट से पहले हुआ बाहर
2003 के बाद यह पहला मौका है जब दक्षिण अफ्रीका किसी भी वर्ल्ड कप के नॉक आउट स्टेज में नहीं पहुंच पाई। उसके बाद 2007 और 2015 के विश्व कप में इस टीम ने सेमीफाइनल का सफर तय किया था जबकि 2011 में भी यह अंतिम आठ तक पहुंची थी। दक्षिण अफ्रीका की किस्मत ने इस बार भी हालांकि उसका साथ नहीं दिया। उसके प्रमुख गेंदबाज डेल स्टेन चोटिल होकर समूचे विश्व कप से ही बाहर हो गए। जबकि एबी डिविलियर्स की वापसी की खबरों को भी काफी तूल दी गई। इसके बावजूद दक्षिण अफ्रीका का प्रोफेशनल क्रिकेटरों की तरह से मैदान पर खेल ना दिखाना सबको अचंभित करके जा रहा है। प्रोटियाज की यह दुर्गति निश्चित तौर पर क्रिकेट के लिए चिंता की बात होगी।
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