महेला जयवर्धने, नाबाद 103 बनाम भारत, फाइनल, मुंबई, 2011
श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने 2011 के विश्व कप के फाइनल में वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ 88 गेंदों पर 103 रनों की नाबाद पारी खेली थी। श्रीलंका 274 पर पहुंच गया, एक ऐसा स्कोर जो इस तरह के हाई-प्रोफाइल गेम में किसी भी बल्लेबाजी को दबाव में डाल सकता है। लेकिन सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के 97 और धोनी के नाबाद 91 रनों के आगे श्रीलंका का स्तोर कम पड़ गया। इसी के साथ फाइनल में जयवर्धने का शतक बेकार चला गया और भारत चैंपियन बन गया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन, 93 बनाम ऑस्ट्रेलिया, लीग मैच, ब्रिस्बेन, 1992
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एलन बॉर्डर ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। मेजबान टीम ने 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 237 रन बनाए। जब टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो बारिश के कारण भारत को 236 रनों का लक्ष्य मिला। रवि शास्त्री की 67 गेंदों में 25 रन की धीमी पारी ने भारत के लिए मुश्किल खड़ी कर दी लेकिन जब कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कदम रखा तो मैच पलटने लगा। अजहरुद्दीन ने 102 गेंदों में 93 रन बनाए। वह रन आउट हो गए। इनके आउट होते ही टीम के आखिरी 5 विकेट भी ताश के पत्तों की तरह बिखर गए और टीम 1 रन से हार गई। डीन जोन्स को उनके 90 रनों के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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सचिन तेंदुलकर, 111 बनाम दक्षिण अफ्रीका, ग्रुप मैच, नागपुर, 2011
महेंद्र सिंह धोनी ने नागपुर के विदर्भ स्टेडियम में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। भारत को ओपनर जोड़ी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के रूप में अच्छी शुरूआत मिली दोनों ने पहले विकेट के लिए 142 रन जोड़े। पहला झटका सहवाग के रूप में लगा जो 73 रन नाकर लाैटे। इसके बाद सचिन ने गाैतम गंभीर(69) के साथ 125 रन जोड़े और टीम का स्कोर 1 विकेट पर 167 पहुंचा दिया। फिर जैसे ही सचिन आउट हुए तो शेष आठ विकेट 29 रनों के अंदर गिर गए। सचिन ने 101 गेंदों में 111 रन बनाए, जिसमें 8 चाैके व 3 छक्के शामिल रहे। उनके शतक की बदाैलत भारत ने 296 रन बनाए जिसे प्रोटियाज ने 3 विकेट रहते हासिल कर लिया।
स्कॉट स्टायरिस, 141 बनाम श्रीलंका, ग्रुप मैच, ब्लोमफोन्टिन, 2003
न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने टॉस जीता और श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। श्रीलंका के कप्तान सनथ जयसूर्या ने शानदार 120 रन बनाए जिसकी बदाैलत टीम ने 50 ओवरों में 7 विकेट पर 272 रन रन बनाए। जवाब में न्यूजीलैंड की शुरूआत बेहद खराब रही और देखते ही देखते उनके 5 विकेट महज 94 रनों पर गिर गए। लेकिन नंबर 4 पर खेलने आए स्काॅट स्टायरिस ने हार नहीं मानी और 125 गेंदों में 141 रनों की पारी खेली, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला जिस कारण श्रीलंका 47 रनों से जीत गया। जयसूर्या मैन ऑफ द मैच रहे।
नील जॉनसन, नाबाद 132 बनाम ऑस्ट्रेलिया, सुपर सिक्स, लॉर्ड्स, 1999
अधिकांश प्रशंसकों के लिए, यह मैच पूरी तरह से हैरानी भरा रहा था। जिम्बाब्वे के कप्तान एलिस्टेयर कैंपबेल ने टॉस जीता और ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा। मार्क वॉ ने 104 और कप्तान स्टीव वॉ ने 62 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया का 50 ओवरों में 4 विकेट पर 303 रनों का स्कोर बनाने में मदद की। विंडीज टीम में कई विस्फोटकर खिलाड़ी थे लेकिन ओपनर नील जाॅनसन के अलावा कोई भी बल्लेबाज नहीं चल सका। जाॅनसन ने नाबाद 144 गेंदों में 132 रनों की नाबाद पारी खेली लेकिन उनके साथ ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं टिक सका जो जीत दिलाने में मदद करे। लिहाजा पूरी टीम 6 विकेट पर 259 रन ही बना सकी आ ऑस्ट्रेलिया रन से जीत गया।