पाकिस्तान का किस्मत कनेक्शन -1
इमरान खान क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे। 1992 में उनकी उम्र 40 साल हो चुकी थी। इस उम्र में किसी खिलाड़ी से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जाती। इमरान ने खुद नहीं सोचा था कि अब उन्हें फिर खेलने का मौका मिलेगा। लेकिन भाग्य ने तो पाकिस्तान के लिए कुछ और सोच रखा था। पाकिस्तानी चयनकर्ता किसी चमत्कारी खिलाड़ी को टीम की कमान सौंपना चाहते थे। उनकी निगाह इमरान खान पर जा कर ठहर गयी। इमरान का खेल ढल चुका था। वे अपनी तौहीन करना नहीं चाहता थे। शुरू में उन्होंने संन्यास तोड़ने से मना कर दिया। लेकिन तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल जियाऊल हक के आग्रह को वे टाल नहीं सके। इमरान संन्यास तोड़ कर 1992 का विश्वकप खेलने के लिए तैयार हो गये। पाकिस्तान का भाग्य यहीं से पलटना शुरू हो गया।
पाकिस्तान का पहला मैच
40 साल के इमरान खान पाकिस्तान टीम के कप्तान बने। टीम में वसीम अकरम, जावेद मियांदाद, सलीम मलिक, मोइन खान, मुश्ताक अहमद जैसे खिलाड़ी थे। 1992 विश्वकप में पाकिस्तान की पहली भिड़ंत वेस्टइंडीज से हुई। वेस्टइंडीज की टीम भी उस समय मजबूत ही थी। रिची रिचर्ड्सन टीम के कप्तान थे। ब्रायन लारा, डेसमंड हेंस, कार्ल हूपर, मैलकम मार्शल और कर्टली एम्ब्रोज जैसे दिग्गज खिलाड़ी टीम की ताकत थे। पहले खेलते हुए पाकिस्तान ने बेहद धीमा बल्लेबाजी की। रमीज राजा ने 102 रनों की पारी तो खेली लेकिन उसके लिए 158 गेंदे खेलीं। मियांदाद ने 57 रन बनाये। पाकिस्तान 50 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर केवल 220 रन बना सका। जवाब में वेस्टइंडीज ने बेहतर खेल दिखाया। डेसमंड हेंस के नाबाद 92, ब्रायन लारा के रिटायर हर्ट 88 और रिची रिचर्ड्सन के नाबाद 20 रनों के दम पर वेस्टइडीज ने 46.5 ओवर में ही जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया। पाकिस्तान पहला मैच हार गया। इमरान खान खेल तो रहे थे लेकिन उन पर उम्र का असर हावी था। उन्होंने इस मैच में गेंदबाजी नहीं की।
पाकिस्तान का किस्मत कनेक्शन -2
पाकिस्तान का खेल से पटरी से उतरा हुआ था। पहले पांच मैचों में वह केवल एक मैच जीत सका था। तीसरे मैच में पाकिस्तान का मुकाबला इंग्लैंड से हुआ। इस मैच में पाकिस्तान ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया। सितारों से सजी पाकिस्तानी टीम केवल 74 रनों पर ढेर हो गयी। पाकिस्तान के बल्लेबाज ऐसे खेले जैसे गली क्रिकेट का कोई नौसिखिया खेलता है। विश्वकप में इतनी खराब बल्लेबाजी शायद ही किसी टीम ने की हो। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने 14 ओवर मेडन खेल डाले। किसी वनडे मैच में इतने ओवर मेडन की कल्पना नहीं की जा सकती। कुल 40.2 ओवर खेले और उसमें से 14 ओवरों में कोई रन नहीं बना। पाकिस्तान की हार तय थी। हताश पाकिस्तानी टीम को कोस रहे थे। लेकिन तभी किस्मत ने पाकिस्तान को हार से बचा लिया। अगर पाकिस्तान ये मैच हारता तो आगे चल कर टूर्नामेंट से उसका बोरिया विस्तर बंध जाता। लेकिन बारिश की मेहरबानी से ये मैच रद्द हो गया। जिस मैच से उसको शून्य अंक मिलते, भाग्य ने उसको एक अंक दिला दिया। बाद में इसी एक अंक के फायदे ने उसे सेमीफाइनल में पहुंचाया था।
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पाकिस्तान का किस्मत कनेक्शन -3
विश्व कप में पहली बार पाकिस्तान की भारत से भिड़ंत हुई थी। चौथे मैच में पाकिस्तान जब भारत से हार गया तो इमरान खान की फजीहत शुरू हो गयी। इसके पहले वह 74 के मामूली स्कोर पर आउट हो हुआ था। पाकिस्तान के समर्थक टीम के प्रदर्शन से नाराज थे। अपना पांचवां मैच भी पाकिस्तान दक्षिण अफ्रीका से हार गया। अब पाकिस्तान पर विश्वकप से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा। उसका छठा मैच आस्ट्रेलिया से था। पाकिस्तान के लिए ये करो या मरो का मैच था। इस नाजुक मोड़ पर इमरान खान ने आखिरकार अपनी काबिलियत दिखाय़ी। इमरान ने दिखाया कि आखिर क्यों 40 साल की उम्र में उस पर भरोसा किया गया। उन्होंने निराशा से भरी टीम में जोश फूंक दिया। पाकिस्तान की ताकत गेंदबाजी में थी और उसने इसमें पूरी जान लगा दी। पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने कोई खास प्रदर्शन नहीं किया । पूरी टीम 50 ओवरों में केवल 220 रनों पर आउट हो गयी। आस्ट्रेलिया जैसी धाकड़ टीम के लिए ये कोई कठिन चुनौती नहीं थी। लेकिन उस दिन पाकिस्तान के गेंदबाजों का इरादा कुछ और था। एलन बॉर्डर की कप्तानी वाली मजबूत आस्ट्रेलियाई टीम को उन्होंने 172 पर धाराशायी कर दिया। जीन जोंस ने 47 रन बनाये जो सर्वाधिक था। पाकिस्तान यह मैच 48 रनों से जीत गया।
इमरान ने बताया, क्या चीज हूं मैं-
अभी तक इमरान खान बढ़ती उम्र की वजह से बॉलिंग नहीं कर रहे थे। वे इस टूर्नामेंट में बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे थे। लेकिन इस मैच में उन्होंने बॉलिंग करने का फैसला किया। इमरान ने क्या शानदार गेंदबाजी की। 40 साल के इमरान का बॉलिंग विश्लेषण देखिए- 10 ओवर, एक मेडन, 32 रन और दो विकेट। उन्होंने ज्यॉफ मार्श और स्टीव वॉ के विकेट झटके। आकिब जावेद और मुश्ताक अहमद ने 3-3 और वसीम अकरम ने दो विकेट लिये। इमरान ने ऐसा मंत्र फूंका कि उसके गेंदबाज ऐन वक्त पर लय में आ गये और अहम मुकाबले में पाकिस्तान जीत गया। इसके बाद पाकिस्तान ने लगातार दो और मैच जीते। इस तरह चार जीत, एक ड्रॉ (रद्द) के साथ पाकिस्तान के 9 अंक हो गये।
पाकिस्तान का किस्मत कनेक्शन -4
नौ अंक अर्जित करने के बाद भी पाकिस्तान का भविष्य अधर में था। लेकिन भाग्य ने एक बार फिर पाकिस्तान का साथ दिया। वेस्टइंडीज की टीम 7 मैचों में चार जीत के साथ 8 अंक हासिल कर चुकी थी। उसका आखिरी मैच आस्ट्रेलिया से होना था। अगर वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया को हरा देता तो वह 10 अंकों के साथ सीधे सेमीफाइन में चला जाता। अगर वेस्टइंडीज को आखिरी मैच में हार मिलती तो जीत कर भी आस्ट्रेलिया को कोई फायदा नहीं मिलता। इस हालत में पाकिस्तान फायदे में रहता। क्यों तब वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के 8-8 अंक ही रहते। ऐसा होने पर पाकिस्तान 9 अंकों के साथ सेमीफाइनल का टिकट कटा लेता। अब पाकिस्तान का भविष्य अपने खेल पर नहीं बल्कि दूसरी टीमों की हार जीत पर निर्भर था। कुछ भी हो सकता था। लेकिन भाग्य ने एक बार फिर पाकिस्तान को गले लगाया। आस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 57 रनों से हरा दिया। वर्ल्डकप से बाहर होने के कगार पर खड़ा पाकिस्तान एकबारगी से सेमीफाइनल में जा पहुंचा। वेस्टइंडीज की हार ने पाकिस्तान को एक तरह विश्वकप की सबसे बड़ी सौगात दे दी।
पाकिस्तान ने मिले मौके को लपका
किस्मत की बदौलत पाकिस्तान सेमीफाइनल में तो पहुंच गया लेकिन इसके बाद उसने अपना दमदार खेल दिखाया। सेमीफाइनल में उसका मुकाबला प्रतियोगिता की सबसे मजबूत टीम न्यूजीलैंड से हुआ। न्यूजीलैंड प्रतियोगिता की एक मात्र टीम थी जिसने 8 में से 7 मैच जीते थे। कप्तान मार्टिन क्रो ने वनडे के नये ट्रेंड सेट किये थे। किसी स्पिनर से गेंदबाजी की शुरुआत करना उनके ही दिमाग की उपज थी। दीपक पटेल ने इस प्रयोग को सफल बनाया था। मार्टिन क्रो और ग्रेटबैच तूफानी बल्लेबाजी कर रहे थे। सेमीफाइनल में मार्टिन क्रो के 91 रनों की बदौलत न्यूजूलैंड ने 262 का मजबूत स्कोर बनाया। अभी तक के लीग मुकाबलों में इतने बड़े टोटल को चेज नहीं किया गया था। सब लोग यही सोच रहे थे कि अब तो फाइनल न्यूजीलैंड ही खेलेगा। पाकिस्तान की पारी सहज ठंग से शुरू हुई। इमरान वन डाउन खेलने आये और 44 रन बनाये। ओपनर रमीज राजा ने भी 44 रन बनाये। 35 ओवरों तक पाकिस्तान का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 140 रन था। 15 ओवरों में 123 रनों की दरकार थी। इसके बाद इंजामामुल हक क्रीज पर आये। उन्होंने एक साल पहले ही अपना वनडे करियर शुरू किया था। उनका वैसा कुछ नाम भी न था। लेकिन उसने दिन इंजामाम ने चमत्कार कर दिया। ऐसी धुआंधार पारी खेली कि न्यूजीलैंड के अरमान मिट्टी में मिल गये। इंजमामुल हक ने 34 गेंदों पर ताबड़तोड़ 60 रन बना डाले। रही सही कर मोइन खान ने पूरा कर दी। मोइन ने 11 गेदों पर 20 रन बनाये। इस तरह पाकिस्तान 6 विकेट पर 264 रन बना कर ये मैच 4 विकेट से जीत गया। इमरान खान ने अपनी यादगार पारी फाइनल के लिए बचा रखी थी। वन डाउन बैट्समैन के रूप में इमरान 72 रन बनाये। मियांदाद ने 58 और इंजमाम ने 42 रन बनाये जिससे पाकिस्तान का स्कोर 6 विकेट पर 249 तक पहुंच गया। जवाब में इंग्लैंड की टीम बिखर गयी और 227 पर आउट हो गयी। इस तरह पाकिस्तान ने 22 रनों से फाइनल जीत कर विश्वकप पर कब्जा जमा लिया।