नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर तनाव क्रिकेट तक पहुंच चुका है। क्रिकेट वैसे भी दोनों देशों के बीच के संबंधों को बयां करने का एक अनकहा जरिया बन चुका है। जब-जब पाकिस्तान ने नापाक हरकतें की हैं तब-तब भारत के साथ उसके कूटनीतिक संबंधों के अलावा क्रिकेट संबंध भी धरातल में पहुंचे है। पुलवामा में हुए ताजा हमले के बाद भी कुछ ऐसी ही स्थिति बन चुकी है। भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध पहले से ही खत्म किए हुए हैं लेकिन भारत अब पाकिस्तान के साथ आईसीसी टूर्नामेंट को लेकर भी कड़ी प्रतिक्रिया के मूड में हैं।
इस बात की मांग काफी तेजी से उठ रही है कि टीम इंडिया को आगामी विश्व कप में पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच का बहिष्कार करना चाहिए। हरभजन सिंह का हाल में ही बयान आया था कि देश सबसे ऊपर है इसलिए विश्व कप में पाकिस्तान के साथ मैच ना खेलें। अब कुछ इसी तरह की बात बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय पटेल ने की है। पटेल ने कहा है, 'अगर हम पाक के खिलाफ विश्व कप में मैच खेलते हैं तो इसका मतलब साफ है कि हमारे लिए देश से बड़ा क्रिकेट है। मेरे लिए देश पहले है, आप किसी भी भारतीय से पूछकर देख लीजिए सबकी यही राय मिलेगी।'
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पटेल ने कहा कि ऐसी स्थिति में क्रिकेट तभी हो सकता है जब आतंकवाद पूरी तरह रुके। पटेल ये यह भी उम्मीद जताई है कि बीसीसीआई और सीओए इस मुद्दे पर कुछ फैसला लेंगे। पटेल ने कहा, 'हर चीज की एक सीमा होती है लेकिन इस बार (पुलवामा हमला) सभी हदें पार हो चुकी हैं।' पटेल ने यहां तक कहा अगर भारत विश्व कप से अपने हाथ खींचता है तो ये कप फीका हो जाएगा। पटेल के मुताबिक खेल से ज्यादा जरूरी इंसान का जीवन होता है। बता दें कि इससे पहले क्रिकेट क्लब ऑफ भी बिल्कुल इसी तरह का नजरिया पेश कर चुका है।