नई दिल्लीः खेल मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है जो खेल के माध्यम से व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व को विकसित करता है। सभी को बचपन में कुछ न कुछ खेल खेलने में बहुत मजा आता है। अब तो कई लोग खेल को पेशे के तौर पर ले रहे हैं क्योंकि पैसा भी काफी आ गया है। जो लोग खेल और पत्रकारिता दोनों को जोड़ते हैं उन्हें खेल पत्रकार कहा जाता है। इसलिए, हर साल 2 जुलाई का दिन दुनिया भर के सभी खेल पत्रकारों को समर्पित है।
इस दिन 1924 में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन (AIPS) स्थापित हुई थी जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में स्थित है। हर साल 2 जुलाई को दुनिया भर में स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1994 में हुई थी जब AIPS ने अपनी स्थापना की वर्षगांठ मनाने के लिए विश्व खेल पत्रकार दिवस की शुरुआत की।
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खेल पत्रकारिता 1800 के दशक की शुरुआत में बड़ी क्लास के लोगों के लिए शुरू हुई थी। बाद में यह एक समर्पित खेल कॉलम के साथ न्यूज बिजनेस में तब्दील हो गई। इसे मध्यम और निम्न वर्गों में भी लोकप्रियता मिली। खेल पत्रकारिता के विभिन्न रूपों में प्ले बाई प्ले, गेम का रिकैप एनालिस, खेल के क्षेत्रों में विकास पर खोजी पत्रकारिता शामिल है।
इस दिन की अहमियत-
विश्व खेल पत्रकार दिवस AIPS की स्थापना का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है और प्रोफेशनल लोग खेल को विश्व शांति के माध्यम के रूप में उपयोग हैं। इसका उद्देश्य खेल पत्रकारों को बेहतर काम करने के लिए और प्रोत्साहित करना है।
इस मौके पर सचिन तेंदुलकर ने देश के फेमस पत्रकारों के साथ एक फोटो पोस्ट की है जिसमें उनके सपोर्ट के लिए थैंक्यू बोला है।