तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

रिद्धिमान साहा बोले- धोनी के संन्यास लेने के बाद मैं कई मैच खेल सका

नई दिल्ली। रिद्धिमान साहा को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किए 11 साल बीत चुके हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली को लगता है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं। रविचंद्रन अश्विन ने उनकी चतुराई के लिए उनकी सराहना की। लेकिन साहा अभी तक सिर्फ 38 टेस्ट ही खेल चुके हैं। उनपर महेंद्र सिंह धोनी की माैजूदगी भारी पड़ गई। जब तक धोनी खेलते रहे, साहा को टीम में पक्की जगह नहीं मिली। जैसे ही धोनी ने संन्यास लिया तो साहा को लगातार कुछ मैच खेलने के माैके मिले। ऐसा ही मानना है खुद साहा का।

साहा ने क्रिकबज को दिए इंटरव्यू के दाैरान अपने क्रिकेट करियर को लेकर कई बातें की। उन्हें इस बात का दुख नहीं है कि उन्हें ज्यादा माैके नहीं मिले, क्योंकि वह जानते थे कि धोनी टीम के लिए उपयोगी हैं। साहा से सवाल किया गया कि आपका डेब्यू टेस्ट 2010 में बहुत पहले आया था। अगला टेस्ट मैच 2012 तक आया था। और आपने अपने तीसरे मैच के लिए लगभग तीन साल तक इंतजार किया। उस समय आपके दिमाग में क्या चल रहा था और आपने खुद को चीजें कैसे समझाईं?

गैंगस्टर काला जत्थेदी की 'हिट लिस्ट' में सुशील कुमार, जान जाने का है खतरागैंगस्टर काला जत्थेदी की 'हिट लिस्ट' में सुशील कुमार, जान जाने का है खतरा

36 साल के साहा ने जवाब देते हुए कहा, ''मैंने उस समय जितने भी मैच खेले, वे सभी तब खेले जब माही भाई चोटिल हो गए। उन्हें 2012 में एक बार टीम से बाहर कर दिया गया था, इस तरह मुझे अपना दूसरा टेस्ट खेलने का मौका मिला। मुझे केवल किसी प्लेयर के चोटिल होने पर ही कवर के रूप में मौके मिलते थे। नियमित रूप से खेलना महत्वपूर्ण है, क्योंकि तभी कोई अपनी क्षमता दिखा सकता है और प्रभाव डाल सकता है। मुझे जो भी मौके दिए गए, मैंने उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की, लेकिन लगातार मैच नहीं मिलने से मेरे लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं। कोई भी खिलाड़ी जो बैक-टू-बैक गेम प्राप्त करता है तो उसका आत्मविश्वास हमेशा ऊंचा होता है। जब माई भाई ने संन्यास लिया तो 2014 के बाद नियमित रूप से भारत के लिए खेला। मैंने 2018 तक लगातार खेला, अर्धशतक और शतक बनाए, और अच्छा स्कोर किया। यह आसान है, अगर आपको दो साल में एक बार गेम मिलता है, तो यह काम नहीं होगा। लेकिन यह सब टीम प्रबंधन को तय करना है।''

Story first published: Wednesday, May 26, 2021, 18:46 [IST]
Other articles published on May 26, 2021
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X