नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज और पूर्व गेंदबाजी कोच वेंकटेश प्रसाद का मानना है कि 18 जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथैम्पटन के मैदान पर पहली बार खेले जाने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में ही जीत का परचम लहराती नजर आयेगी। इंग्लैंड के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-0 से जीत कर आने वाली कीवी टीम को इस फाइनल मैच में पिच से मिलने वाली मदद के बारे में काफी बात की जा चुकी है, हालांकि वेंकटेश प्रसादद का मानना है कि विराट सेना के पास भी टीम में इतना हथियार मौजूद है कि वो कैसी भी पिच पर मैच जीतने का दम रखते हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिये गये एक इंटरव्यू में बात करते हुए पसाद ने अपनी राय रखी और कहा कि भारत के पास अब तीसरा या चौथा ऐसा तेज गेंदबाज मौजूद है जो नई गेंद से विपक्षी टीम पर दबाव बनाने में कामयाब रहता है। इसी दौरान प्रसाद ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि परिस्थितियां चाहें कैसी भी हो यह भारतीय टीम बोर्ड पर 350 रन बनाने का दम रखती है।
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उन्होंने कहा,'फाइनल में दुनिया की दो बेस्ट टीमें भिड़ रही हैं। भारत के पास काफी अच्छी टीम स्ट्रेंथ हैं और कई सारे विकल्प भी मौजूद हैं जोकि काफी दमदार है फिर चाहे वो बल्लेबाजी पिच हो या फिर सीमिंग ट्रैक। फाइनल मैच में भारत के पास बढ़त होने का कारण है। 90 और 2000 के दशक में भारतीय टीम के पास 2 अच्छे तेज गेंदबाज हुआ करते थे लेकिन तीसरा या चौथे तेज गेंदबाज का विकल्प नहीं हुआ करता था। लेकिन अब टीम के पास कई सारे अच्छे ऑलराउंडर्स मौजूद हैं। हमारे पास हमेशा से विश्व स्तरीय स्पिनर्स मौजूद रहे हैं लेकिन अब हमारे पास यह गुणवत्ता पेस अटैक में भी मौजूद है।'
इसके साथ ही प्रसाद ने भारतीय टीम की बल्लेबाजी की भी जमकर तारीफ करते हुए कहा कि पिच मायने नहीं रखती है। प्रसाद को उम्मीद है कि भारत इस फाइनल मैच में डॉमिनेट करता नजर आयेगा और टीम को विरोधी टीम की ताकत पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा,' अब हमारी बल्लेबाजी में भी वह ताकत है कि पिच कैसी भी हो हमारी टीम 350 रन बोर्ड पर टांग सकती है और हमने सब कुछ कवर कर लिया है। फाइनल में भारत ही जीत का परचम लहरायेगी। मुझे उम्मीद है कि हमें खेल में 5वां दिन जरूर देखने को मिलेगा। खासतौर से भारत में खेलते हुए हम मैच को तीसरे या चौथे दिन से ज्यादा आगे नहीं जाते देखते हैं लेकिन इंग्लिश कंडिशन्स में इसे पहुंचना चाहिये। एससीजी गेंद के मुकाबले ड्यूक गेंद कुछ ज्यादा हरकत करती है लेकिन बल्लेबाज को यह जल्दी पता लगाना होगा कि गेंदबाज को किस एंड से ज्यादा मदद मिल रही है।'