नई दिल्ली। आईसीसी की ओर से पहली बार आयोजित की जा रही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच साउथैम्पटन के मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जा रहा है, जहां पर बारिश की वजह से मैच का पहला दिन धुल जाने के बाद कीवी टीम ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे इस ऐतिहासिक फाइनल मैच का दुनिया भर के फैन्स को बेसब्री से इंतजार रहा और भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत करते हुए फैन्स का दिल खुश करने का काम भी किया। मैच के दूसरे दिन के पहले सेशन के दौरान सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुबमन गिल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पहले विकेट के लिये 62 रन जोड़ने का काम किया।
हालांकि पारी के 18वें ओवर में जब कॉलिन डि ग्रैंडहोम ने रोहित शर्मा के खिलाफ डीआर एस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) का इस्तेमाल किया तो कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने दुनिया भर के दिग्गजों के बीच सवाल उठाने का काम किया। दरअसल जब रिव्यू लिया गया तो भारत और न्यूजीलैंड के खाते में 3-3 रिव्यू दिखाई दिये। हालांकि आईसीसी के नियमों के अनुसार अगर मैच न्यूट्रल वेन्यू और न्यूट्रल अंपायर्स के बीच खेला जा रहा है तो टीमों के पास सिर्फ 2-2 रिव्यू ही दिये जाते हैं। लेकिन विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में भारत और न्यूजीलैंड के खाते में 3-3 रिव्यू ही दिये गये।
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आईसीसी के इस फैसले को लेकर ऑस्ट्रेलियाई टीम के सीमित ओवर्स के कप्तान एरॉन फिंच ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया और लिखा,'जब मैच के दौरान न्यूट्रल अंपायर मौजूद हैं तो दोनों टीमों को 3-3 रिव्यू कैसे दिये जा सकते हैं। मुझे लगता था कि यह सिर्फ घरेलू अंपायर्स की मौजूदगी में ही दिया जाता है।'
गौरतलब है कि आईसीसी ने कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए टेस्ट मैच के दौरान दोनों टीमों को 3-3 रिव्यू देने का नियम रखा है। इसका मुख्य कारण है कि कोरोना वायरस के चलते मैच के दौरान न्यूट्रल अंपायर्स का सफर कर पाना मुश्किल होता है, ऐसे में आईसीसी ने घरेलू अंपायर्स का इस्तेमाल करने की इजाजत देते हुए दोनों टीमों को एक-एक अतिरिक्त डीआरएस देने का फैसला किया।
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आपको बता दें कि आईसीसी की ओर से इस न्यूट्रल मैच में 3-3 रिव्यू देने का फैसला चौंकाने वाला है लेकिन हाल ही में हुई तकनीकी समिति की बैठक में आईसीसी ने टेस्ट चैम्पियनशिप के नये संस्करण में सभी टीमों के पास 3-3 रिव्यू रखने का ही फैसला किया है। इसके अलावा आईसीसी फाइनल के इतने बड़े मैच को किसी खराब डिसीजन के चलते नतीजे को प्रभावित करना नहीं चाहती थी, इसी कारण से उसने फाइनल मैच में भी न्यूट्रल अंपायर होने के बावजूद 3-3 रिव्यू देने का काम किया है।