सेना देशों में कमजोर रहा है अश्विन का प्रदर्शन
आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में उनकी ओर से हासिल किये गये विकेट के मुकाबले सेना (साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड) देशों में उनका प्रदर्शन फीका है लेकिन मैं पहले गेंदबाज नहीं है जिनके आंकड़ों में यहां अंतर देखने को मिल रहा है। उनके यहां आंकड़े अश्विन की उस काबिलियत को नहीं दर्शाते हैं जिसमें वह बल्लेबाज को कभी भी चकमा देने और कैसी भी पिच पर आउट करने का दम रखते हैं।
भारत के लिए इस चैंपियनशिप के फाइनल मैच में रविचंद्रन अश्विन सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकते हैं, इसका सबसे बड़ा कारण है बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ उनका शानदार रिकॉर्ड। गौरतलब है कि कीवी टीम के ज्यादातर टॉप ऑर्डर बल्लेबाज लेफ्ट हैंडर है जिन्हें अश्विन के सामने खेलने का बहुत कम अनुभव है और बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ उनका रिकॉर्ड भी जबरदस्त है।
बायें हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ दुनिया के बेस्ट बॉलर हैं अश्विन
अश्विन का यह रिकॉर्ड कीवी टीम के खिलाफ उन्हे बेहद खतरनाक बनाता है। अगर यह मान लिया जाए की कीवी टीम साउथैंपटन में उसी प्लेइंग 11 के साथ उतरेगी जो वो इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में लेकर उतरी थी तो इसमें आपको 5 बाएं हाथ के बल्लेबाज खेलते नजर आएंगे। यहीं पर अश्विन भारत के लिए काफी असरदार साबित हो सकते हैं।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अश्विन बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए हैं। अश्विन ने अपने करियर के दौरान अब तक 207 बाएं हाथ के बल्लेबाजों का विकेट लिया है जबकि दाएं हाथ के बल्लेबाजों की गिनती महज 202 है। यानी कि अश्विन ने अपने करियर के दौरान दाएं हाथ के बल्लेबाजों से ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाजों का विकेट चटकाया है।
टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों में 81 को बनाया शिकार
इतना ही नहीं टॉप ऑर्डर के बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ भी अश्विन का रिकॉर्ड शानदार रहा है और उन्होंने पहले 3 नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों को अपने करियर में 52.2 की स्ट्राइक रेट के साथ 81 बार पवेलियन भेजने का काम किया है। अश्विन का यह रिकॉर्ड उन्हें कीवी टीम के सलामी बल्लेबाज टॉम लैथम और डेवोन कॉनवे के खिलाफ भारतीय टीम का सबसे घातक गेंदबाज बनाता है।
इसके साथ ही अश्विन का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड की टीम के कप्तान केन विलियमसन के खिलाफ काफी शानदार रहा है, वह टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अब तक 5 पारियों में 4 बार आउट कर चुके हैं। वही अश्विन ने रोस टेलर को भी 3 बार आउट करने का काम किया है, इसके अलावा अश्विन ने टॉम लैथम हो चार पारियों में 4 बार आउट करने का काम किया है।
फाइनल में अश्विन का खेलना लगभग तय
गौरतलब है कि टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में अश्विन का चुना जाना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि साउथैंपटन में भले ही परिस्थितियां कैसी भी हों अश्विन को खिलाया जाना तय है , भले ही परिस्थितियां स्पिन गेंदबाजों के बजाय तेज गेंदबाजों के फेवर में ही क्यों न नजर आए।
आपको बता दें कि भारत के लिए सिर्फ टेस्ट प्रारूप में खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच वर्ल्ड कप फाइनल की तरह है और इसे जीतना उनके मौजूदा करियर का सबसे बड़ा सपना है। वह साउथैंपटन में देश के सम्मान में चार चांद लगाने के उद्देश्य से उतरेंगे।