नई दिल्ली। आईसीसी की ओर से पहली बार आयोजित किये गये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल मैच में बुधवार को न्यूजीलैंड की टीम ने भारत को 8 विकेट से हराकर पहला खिताब जीतने का काम किया। इस ऐतिहासिक मैच में विराट सेना को बल्लेबाजी में कीवी गेंदबाजों के सामने काफी संघर्ष करना पड़ा, खासतौर से दूसरी पारी में जिसमें भारतीय टीम महज 170 रन पर सिमट गई और पहली पारी में मिली 32 रनों की बढ़त के चलते कीवी टीम को सिर्फ 139 रनों का ही स्कोर मिला। जवाब में कीवी टीम के कप्तान केन विलियमसन और रोस टेलर ने तीसरे विकेट के लिये नाबाद 96 रनों की साझेदारी कर 21 साल बाद न्यूजीलैंड को आईसीसी ट्रॉफी जिताने का काम किया।
1983 में विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मदनलाल ने केन विलियमसन की टीम की जमकर तारीफ की और स्पोर्टस तक से बात करते हुए बताया कि मैच को ड्रॉ कराकर संयुक्त विजेता के रूप में चैम्पियन देखने को मिल सकता था अगर भारतीय बल्लेबाजों ने रिजर्व डे पर कुछ समय और बल्लेबाजी कर ली होती।
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उन्होंने कहा,'न्यूजीलैंड की टीम इस जीत की हकदार थी और उनके कप्तान को इसका श्रेय दिया जाना चाहिये। जिस तरह से उन्होंने हमारे बल्लेबाजों के खिलाफ फील्डिंग लगाने का काम किया वो कप्तानी में टॉप क्लास था। यह हमारी गलती है, ऐसा नहीं है कि भारत खराब टीम है। दरअसल वो काफी बैलेंसड और अच्छी टीम के साथ उतरे थे लेकिन घर हो या बाहर आपको हमेशा यह दिक्कत मिलेगी कि अगर आप रन नहीं बनायेंगे तो आप के लिये मैच जीतना कभी भी आसान नहीं होगा।'
मदन लाल ने आगे कहा कि हमारे लिये मैच का आखिरी दिन बेहद शर्मनाक रहा जिसका नतीजा ड्रॉ भी हो सकता था, लेकिन भारतीय टीम के किसी बल्लेबाज ने वो जुनून नहीं दिखाया कि वो पिच पर एक से दो घंटे और खड़ा रह सके। यह मैच ड्रॉ हो सकता था। मदन लाल ने भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शुबमन गिल पर भी बात करते हुए कहा कि वह प्रभावित करने में नाकाम रहे। उल्लेखनीय है कि शुबमन गिल ने पहली पारी में 28 और दूसरी पारी में 8 रन बनाने का काम किया।
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उन्होंने कहा,'इसमें कोई शक नहीं कि उनमें टैलेंट की भरमार है लेकिन उन्हें खेल के प्रति जुनून को बेहतर करने की जरूरत है। इंग्लिश परिस्थितियों में आपको लंबे समय तक टिके रहना आना चाहिये। अगर आप रोहित को देखें और शॉट लगाना शुरू कर दें तो बहुत कम मौका बचता है कि आप रन बना सकेंगे।'