नई दिल्ली। आईसीसी की ओर से पहली बार आयोजित की जा रही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच का आयोजन 18 जून से 22 जून के बीच साउथैम्पटन के मैदान पर होना है, जहां पर भारत और न्यूजीलैंड की टीम इस खिताबी जंग के लिये इंग्लैंड की धरती पर भिड़ेंगी। जहां भारतीय टीम इस समय अपना क्वारंटीन का समय बिता रही है तो वहीं पर न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच लॉर्डस के मैदान पर खेल रही है। टेस्ट चैम्पियनशिप से पहले खेली जा रही इस सीरीज को लेकर कई पूर्व क्रिकेटर्स का मानना है कि न्यूजीलैंड की टीम को इससे फाइनल मैच में काफी फायदा मिलने वाला है।
हालांकि लॉर्ड्स में खेले जा रहे इस मैच के दौरान कीवी टीम की बल्लेबाजी की पोल उस वक्त खुल गई जब 288 रन पर अपना चौथा विकेट खोने के बाद पूरी टीम महज 90 रन के अंदर सिमट गई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सबा करीम ने इसको लेकर बात की है और बताया है कि फाइनल मैच में विराट सेना को न्यूजीलैंड की किस कमजोरी का फायदा उठाना चाहिये।
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सबा करीम ने इंडिया न्यूज के साथ बात करते हुए कहा, 'दोनों टीमों के साथ यह समस्या देखने को मिली है, हालांकि न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का मिडिल ऑर्डर ज्यादा नाजुक नजर आ रहा है। अगर भारतीय टीम केन विलियमसन को आउट कर देती है तो उनकी टीम को जल्दी आउट किया जा सकता है। विलियमसन बड़े खिलाड़ी हैं और हर टीम इस बात को अच्छे से जानती है।'
सबा करीम ने इंग्लैंड के खिलाफ कॉलिन डि ग्रैंडहोम को टीम में शामिल करने को लेकर भी सवाल किया और कहा कि उनकी एंट्री से टीम का मध्यक्रम ज्यादा कमजोर नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा,'मैं न्यूजीलैंड की प्लेइंग 11 में कॉलिन डि ग्रैंडहोम को शामिल करने के निर्णय पर थोड़ा हैरान हुआ हूं। उनका यह टीम कॉम्बिनेशन अजीब है, न्यूजीलैंड ने 3 तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ ग्रैंडहोम को पांचवे गेंदबाज के रूप में खिलाया है। इससे उनका मिडिल ऑर्डर और भी कमजोर नजर आ रहा है।'
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गौरतलब है कि इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच में अपना पहला मैच खेल रहे डेवॉन कॉन्वे ने दोहरा शतक लगाया जबकि हेनरी निकोल्स ने 61 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलकर उनका भरपूर साथ दिया। इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा टीम को कोई भी अन्य बल्लेबाज 30 रन के स्कोर तक नहीं पहुंच सका, नतीजन कीवी टीम पहली पारी में 378 रन ही बना सकी।
आपको बता दें कि जवाब में इंग्लैंड की टीम भी 275 रन ही बना सकी जिसमें सलामी बल्लेबाज रॉरी बर्न्स ने सबसे ज्यादा 132 रन बनाने का काम किया। वहीं पर कप्तान जो रूट और डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज ऑली रॉबिन्सन ने 42-42 रनों का योगदान दिया। इंग्लिश टीम के 4 खिलाड़ी खाता खोलने में नाकाम रहे तो वहीं पर 3 खिलाड़ी 10 रन के स्कोर तक नहीं पहुंच सके।