4 कैटेगरी में चुने जा रहे हैं टेस्ट क्रिकेट के बेस्ट खिलाड़ी
स्टार स्पोर्टस ने इसके लिये बल्लेबाजों की कैटेगरी में सचिन तेंगुलकर, स्टीव स्मिथ, कुमार संगाकारा और जैक कैलिस को नॉमिनेट किया तो वहीं पर गेंदबाजी में मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न, डेल स्टेन, ग्लेन मैक्ग्रा को शामिल किया गया जबकि ऑलराउंडर की श्रेणी में जैक कैलिस, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, रविचंद्रन अश्विन और बेन स्टोक्स को नॉमिनेट किया। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ, साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ, रिकी पोंटिंग और विराट कोहली को कप्तान की श्रेणी में नॉमिनेट किया गया।
गौरतलब है कि विजेता का ऐलान करने के लिये स्टार स्पोर्टस ने सुनील गावस्कर, इयान बिशप, हरभजन सिंह, शेन वॉटसन, स्कॉट स्टॉयरिस, गौतम गंभीर समेत कई खेल पत्रकारों और कोच को शामिल करते हुए 50 सदस्यीय जूरी का गठन किया। इसके अलावा चैनल ने फैन्स को भी इस वोटिंग का हिस्सा बनने का मौका दिया और 15 जून को बेस्ट बल्लेबाज और गेंदबाज के लिये वोटिंग कराई जबकि 17 जून को बेस्ट कप्तान और ऑलराउंडर चुनने के लिये वोटिंग कराई गई।
संगाकारा को मात देकर सचिन बने बेस्ट बल्लेबाज
गौरतलब है कि इस वोटिंग के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 21 वीं सदी का बेस्ट बल्लेबाज चुना गया। श्रीलंका के महान विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगाकारा ने इस पोल में सचिन को कड़ी टक्कर दी और दोनों के अंक बराबर रहे, हालांकि 50 सदस्यीय जूरी में सचिन के फेवर में ज्यादा वोट जाने के चलते सचिन को 21 वीं सदी का बेस्ट बल्लेबाज चुना गया।
उल्लेखनीय है कि इस श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को पोल के लिये चुना गया लेकिन मौजूदा समय के महान बल्लेबाज विराट कोहली को इस कैटेगरी में शामिल नहीं किया गया।
नॉमिनेशन के लिये रखा गया इन नियमों का ध्यान
आपको बता दें कि स्टार स्पोर्टस ने इस पोल के विजेता को चुनने के लिये काफी पारदर्शिता अपनाने का काम किया। इसके अनुसार चारों कैटेगरी में 1 जनवरी 2000 से लेकर अब तक के आंकड़ों को ही शामिल किया गया है। बेस्ट बल्लेबाज के नॉमिनेशन के लिये खिलाड़ी के नाम कम से कम 10 हजार रन, 25 से ज्यादा शतक और 50 से ज्यादा की औसत होनी चाहिये।
वहीं पर गेंदबाजी के लिये बॉलिंग औसत 30 से कम और 15 बार 5 विकेट हॉल होना चाहिये, जबकि ऑलराउंडर श्रेणी के लिये 150 से ज्यादा विकेट, 2500 से ज्यादा रन और दोनों विभाग में अच्छा प्रदर्शन होना चाहिये। इस दौरान कप्तान के लिये खिलाड़ी के पास घरेलू और विदेशी सरजमीं पर कम से कम 10 जीत और मैच के दौरान जीत या ड्रॉ प्रतिशत 70 से अधिक होना चाहिए।