नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के विकेटलेस पर रहने पर निराशा जताई है। साउथैम्पटन के मैदान पर खेले गये इस मैच की दोनों पारियों में जसप्रीत बुमराह तेज गेंदबाजों की मुफीद पिच पर अपने नाम एक भी विकेट नहीं कर सके। भारतीय टीम के इस गेंदबाज का यूं तो रिकॉर्ड सेना देशों में काफी शानदार है लेकिन कीवी टीम के खिलाफ उनकी गेंदों में वो दम नजर नहीं आया।
इस फाइनल मैच में एक भी विकेट न निकाल पाने वाले जसप्रीत बुमराह ने मैच के आखिरी दिन रोस टेलर को अपना शिकार बनाने का मौका बनाया था लेकिन चेतेश्वर पुजारा उनका कैच नहीं पकड़ सके और उनके खाते में फिर से विकेट आते-आते रह गया। अपने ताजा यूट्यूब वीडियो में जाफर ने इस पर बात करते हुए उन्हें बेहद अनलकी बताते हुए कहा कि फाइनल मैच में उनके खाते में विकेट का न आना भारत के लिये सबसे बड़ी परेशानी साबित हुआ।
उन्होंने कहा,'मोहम्मद शमी ने इशांत शर्मा के साथ मिलकर भारत के लिये शानदार गेंदबाजी की। अश्विन ने भी अपनी गेंदबाजी से उनका भरपूर साथ दिया लेकिन जसप्रीत बुमराह को एक भी विकेट न मिल पाना सबसे निराशाजनक रहा। यह भारत के लिये सबसे बड़ा सेटबैक रहा। हालांकि मुझे नहीं लगता कि बुमराह ने खराब गेंदबाजी की लेकिन मुझे लगता है कि विकेट का कॉलम खाली होने के चलते वह परेशान नजर आये।'
जाफर ने इस दौरान भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर हैरानी जताते हुए दूसरी पारी में उनके रुख की आलोचना की और कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने काफी निराश किया। उल्लेखनीय है कि जब रिजर्व डे की शुरुआत हुई तो भारतीय टीम का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 64 रन था, और ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम अच्छा स्कोर खड़ा करके मैच को ड्रॉ तो जरूर करा सकती है। हालांकि टीम ने अगले 106 रन के अंदर अपने 8 विकेट खो दिये और सिर्फ 170 रन पर सिमट गई। कीवी टीम को 139 रनों का लक्ष्य मिला जिसे उसने आसानी से हासिल कर लिया।
उन्होंने कहा,' भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में जिस तरह से बल्लेबाजी की मैं उससे बहुत ज्यादा निराश हूं। उन्हें थोड़ा और सकारात्मक होना चाहिये था और थोड़ा और इंटेंट दिखाना चाहिये था। अगर भारतीय टीम के खाते में 40-50 रन और होते तो मैच बच जाता। जहां पर कीवी टीम के लिये न सिर्फ रन रेट बढ़ जाता बल्कि ओवर भी कम हो जाते। ऐसे में ड्रॉ बड़ी गुंजाइश नजर आता। 170 रन औसत से काफी नीचे का स्कोर रहा और मुझे लगता है कि पहले दिन जिस तरह से परिस्थितियां थी उसने भारतीय बल्लेबाजों के दिमाग में काफी छाप छोड़ी थी।'