इस प्रारूप से भारत को होगा नुकसान
इतना ही नहीं युवराज सिंह का मानना है कि आईसीसी की ओर से तय किए गए इस प्रारूप के चलते भारतीय टीम को टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए युवराज सिंह ने कहा,' टेस्ट चैंपियनशिप का विजेता खोजने के लिए आईसीसी को बेस्ट ऑफ थ्री प्रारूप में एक फाइनल सीरीज का आयोजन कराना था क्योंकि अगर आप पहला मैच गंवा देते हैं तो आपके पास अगले दो टेस्ट मैचों में वापसी करने का मौका होता है। मौजूदा प्रारूप से भारतीय टीम को नुकसान हो सकता है क्योंकि न्यूजीलैंड की टीम पहले ही दो टेस्ट मैच खेलकर फाइनल में उतरेगी, जबकि भारतीय टीम को 8 से 10 अभ्यास सत्र मिलेंगे। आपको यह मानना ही होगा कि मैदान पर खेला गया मैच और ट्रेनिंग सेशन दोनों एक दूसरे की पूर्ति नहीं कर सकते। टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच बराबरी का तो होगा लेकिन कीवी टीम के पास फायदा होगा।'
न्यूजीलैंड के मुकाबले भारत की टीम मजबूत
इस दौरान युवराज सिंह ने दोनों टीमों की तुलना करते हुए केन विलियमसन की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड टीम के मुकाबले भारतीय टीम की बल्लेबाजी को अधिक मजबूत बताया।
उन्होंने कहा, 'मेरे हिसाब से भारतीय टीम की बल्लेबाजी कीवी टीम के मुकाबले अधिक मजबूत है, क्योंकि हालिया प्रदर्शन पर नजर डालें तो हमने देश के बाहर भी जीत दर्ज की है। वहीं पर गेंदबाजी की बात करें तो हमारी गेंदबाजी भी उनसे कम घातक नहीं है। टेस्ट प्रारूप में रोहित शर्मा अब काफी अनुभवी हो चुके हैं और अब तक 7 शतक लगा चुके हैं जिसमें से चार ओपनिंग करते हुए आए हैं। हालांकि इंग्लैंड में रोहित और शुभमन दोनों ने ही कभी भी पारी का आगाज नहीं किया है तो ऐसे में उनके सामने ड्यूक गेंदों का सामना करना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि ड्यूक गेंदें इंग्लैंड के मौसम के हिसाब से अधिक स्विंग करती हैं। दोनों खिलाड़ियों के सामने कंडीशन्स के साथ तालमेल बिठाना बहुत जरूरी है। '
इंग्लैंड में लंबा खेलने के लिये युवराज ने दिया सफलता का मंत्र
युवराज सिंह ने इंग्लैंड में बल्लेबाजी के दौरान सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि यहां पर खिलाड़ियों को हर सेशन के हिसाब से बल्लेबाजी करने पर ध्यान देना होगा। आप एक सेशन के दौरान पूरे मैच के बारे में नहीं सोच सकते।
उन्होंने कहा,' इंग्लैंड में खेलते हुए बल्लेबाजों को इस बात का ध्यान रखना है कि वह एक बार में सिर्फ एक सेशन पर ही ध्यान दें। जब आप सुबह बल्लेबाजी करते हैं तो यहां पर गेंद स्विंग और सीम होती है, वहीं पर दोपहर में बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है। शाम को जब चाय सेशन होता है तो उसके बाद गेंद एक बार फिर से स्विंग करती हुई नजर आती है। ऐसे में जरूरी है कि बल्लेबाज सेशन के हिसाब से अपना तालमेल बिठा ले। मेरे हिसाब से यह दौरा शुभमन के लिए काफी यादगार रहने वाला है क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से प्रदर्शन किया उससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा होगा।'